चमोली में ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियां उफनाई; 170 लोगों की मौत की आशंका

त्तराखंड में रविवार सुबह करीब 10:45 बजे बहुत बड़ा हादसा हुआ। राज्य के चमोली जिले के तपोवन में ग्लेशियर टूटकर ऋषिगंगा नदी में गिरा। इससे बेतहाशा बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई और धौलीगंगा पर बन रहा बांध बह गया।
तपोवन में एक प्राइवेट पावर कंपनी के ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट और सरकारी कंपनी NTPC के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। आपदा में सबसे ज्यादा नुकसान यहीं हुआ है। ऋषिगंगा प्रोजेक्ट में काम कर रहे 15 से 20 मजदूर लापता बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही NTPC प्रोजेक्ट पर करीब 150 मजदूरों की जान जाने की आशंका है। प्रोजेक्ट साइट से तीन शव बरामद हुए हैं। इस बीच, मौके पर रेस्क्यू के लिए पहुंची ITBP की टीम ने तपोवन प्रोजेक्ट के पास टनल में फंसे सभी 16 लोगों को निकाल लिया है।
राहत की बात यह है कि पीपल कोटी से चमोली के बीच में अलकनंदा नदी का स्तर तो बढ़ा है, लेकिन नदी का क्षेत्र चौड़ा होने से बहाव सामान्य हो गया है। हादसे के बाद NDRF और ADIRF की टीमें मौके पर पहुंच कर बचाव कार्य कर रही हैं।
गंगा किनारे के इलाकों में दहशत
ग्लेशियर टूटने से धौली नदी ने विकराल रूप ले लिया। देखते ही देखते नदी ने रास्ते में आने वाले हर अवरोध को पाटना शुरू कर दिया। ऋषिगंगा पॉवर प्रोजेक्ट साइट तक पहुंचते-पहुंचते नदी इतनी विकराल हो गई कि उसने पूरे बांध को ही बहा दिया। मौके पर मौजूद तमाम मशीनरी और लोग इसकी चपेट में आ गए।
इसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने हरिद्वार तक अलर्ट किया और टिहरी बांध से भागीरथी में पानी का डिस्चार्ज बंद किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मौके पर पहुंचे हैं और हालात की मॉनीटरिंग कर रहे हैं।
हादसे के बाद से अलकनंदा और गंगा से किनारे के इलाकों में दहशत है। ऋषिकेश में राफ्टिंग और नावों पर रोक लगा दी गई है। यही नहीं, श्रीनगर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के बांध को भी खाली कर दिया गया है, ताकि पीछे से पानी बढ़ने पर बांध का जलस्तर न बढ़े।

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