ममता सरकार पर बरसे अर्जुन मुंडा, आदिवासियों से बोले, अपना हक छीनकर लेने का समय आ गया

खडग़पुर : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर आदिवासियों का विकास बाधित करने के आरोप लगाये हैं. कहा कि तृणमूल सरकार आदिवासियों का विकास करना ही नहीं चाहती. उन्होंने कहा कि अब अपना हक छीनकर लेने का समय आ गया है.
बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले खडग़पुर महकमा अंतर्गत नारायणगढ़ थाना के मकरामपुर स्थित मकरामपुर हाई स्कूल मैदान में आयोजित आदिवासी मुंडा सम्मेलन में मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के रूप में केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा उपस्थित थे.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार आदिवासियों का विकास करना ही नहीं चाहती. केंद्र सरकार कई योजनाओं को आदिवासियों तक पहुंचाना चाहती है, लेकिन राज्य सरकार किसी भी योजना को लागू करना ही नहीं चाहती. केंद्र सरकार किसी योजना को राज्य सरकार के जरिए ही लागू करने और उसे पहुंचाने के लिए बाध्य है.
श्री मुंडा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ भडक़ाकर बंगाल में आदिवासियों का उपयोग केवल वोट बैंक के रूप में करती है. अर्जुन मुंडा ने कहा कि वह जब झारखंड के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने झारखंड में बंग्ला भाषा को द्वितीय भाषा का स्थान दिया था. बंगाल में मुंडा समुदाय की भाषा को द्वितीय भाषा का दर्जा देने के लिए पत्र लिखा गया था, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके पत्र का ना तो सम्मान किया और ना ही जवाब दिया.
श्री मुंडा ने कहा कि अब आदिवासी भी शिक्षित हो गये हैं. कम्प्यूटर और मोबाइल फोन चला रहे हैं. एक क्लिक से सरकारी योजनाओं के बारे में सभी जानकारी हासिल कर लेते हैं. केंद्र सरकार आदिवासियों की उन्नति और उन्नयन को लेकर योजना लागू करती रहती है, लेकिन बंगाल में उन्हें कोई विशेष लाभ नहीं मिल रहा है. श्री मुंडा ने जनसभा में शामिल आदिवासियों से कहा कि अब अपना हक मांगने का नहीं, छीनने का समय आ गया है.

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