प्रशासन की रजामंदी से चांडिल में चल रही ओवरलोड कोयला ढुलाई

कोयले की धूल से परेशान चांडिल बाजार के दुकानदार

चांडिल । सरायकेला खरसवां जिले के चांडिल स्टेशन पर रेक लोडिंग होती हैं। यहां से हाइवा वाहनों से कोयला ढुलाई होती हैं जो जिले के विभिन्न कंपनियों को जाती हैं। कोयला लोड हाइवा वाहन स्टेशन स्थित रेक से चांडिल बाजार होते हुए गोलचक्कर की ओर आती हैं। इन वाहनों में धड़ल्ले से ओवरलोड कोयला ढुलाई होती हैं। जिससे सड़क पर जगह जगह कोयले के बड़े बड़े टुकड़े गिरते हैं। बाद में वाहनों के कुचले जाने से वही कोयले के टुकड़े धूल में बदल जाती हैं। इससे दिनभर चांडिल बाजार से गोलचक्कर तक धूल के गुब्बारे नजर आते हैं। कोयले की धूल उड़ने से यहां के दुकानदारों व निवासियों को काफी परेशानी होती हैं। दिनरात एनएच 32 तथा चांडिल बाजार से होकर ओवरलोड कोयले की ढुलाई होती हैं लेकिन जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं करती हैं। इसलिए प्रायः सवाल खड़े होते रहते हैं कि क्या प्रशासन की रजामंदी से चांडिल में ओवरलोड कोयला ढुलाई चल रही हैं। ऐसा सवाल खड़े करने के पीछे स्वयं प्रशासन ही जिम्मेवार हैं। क्योंकि, इस सड़क से होकर अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी दिन रात गुजरते हैं। वहीं, चांडिल मुख्य बाजार के बीच में ही चांडिल थाना प्रभारी व इंस्पेक्टर का कार्यकाल भी है। इसके अलावा इसी रास्ते से उपायुक्त, एसपी, परिवहन एवं प्रदूषण विभाग के अधिकारी आना जाना करते हैं। बावजूद इसके आजतक किसी तरह की कार्रवाई नहीं होती। बताया जाता है कि ओवरलोड कोयला ढुलाई करने वालों को सत्ता पक्ष का संरक्षण प्राप्त होने के कारण प्रशासन हाथ डालने से कतराते हैं। वहीं, स्थानीय दुकानदार भी डरे सहमे रहते हैं, इसके कारण खुलकर विरोध नहीं करते हैं। दुकानदारों तथा चांडिल वासियों ने हमेशा ओवरलोड कोयला ढुलाई के खिलाफ दबी जुबान से विरोध करते हैं।

Share this News...