*रांची
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि लोक सभा में पेश केंद्रीय बजट 2021-2022 देश को बेचने वाला बजट है। यह आत्मनिर्भर की जगह आत्म- बिक्री बजट अधिक प्रतीत होता है। केंद्र सरकार देश की सारी संपत्ति बेचने में तुली हुई है। एयरपोर्ट, रेलवे, बंदरगाह सब कुछ बिक ही जायेगा तो फिर देश के पास अपनी सम्पत्ति क्या रह जायेगी? बंदरगाह और सरकारी बैंक भी बिक रहे हैं। कई भारतीय उपक्रमों में भी विनिवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है।
बजट में रोजगार बढ़ाने की कोई योजना नहीं है
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीमार पड़े सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम इकाइयों को पुनर्जीवित करने की कोई योजना केंद्र सरकार लागू नहीं कर सकी। ऐसी सभी औद्योगिक इकाइयों के लिए कोई योजना लागू नही हुई। बजट में रोजगार बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। कोरोना संक्रमण काल में बंद व्यापारिक प्रतिष्ठानों के उत्थान के लिए सरकार ने किसी प्रकार की पहल नहीं की। केंद्र सरकार ने बजट पेश करने के क्रम में मध्यम वर्ग और ग्रामीण वर्ग के लिए क्रय शक्ति बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया। मोटर वाहन क्षेत्रों को कोई छूट नहीं बल्कि ऑटो पार्ट्स की दरों में वृद्धि की गई है।
केंद्र सरकार निजीकरण के रास्ते पर जा रही है
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीमा सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का ऐलान किया गया है। दो सार्वजनिक बैंकों और एक जनरल बीमा कंपनी का निजीकरण होने वाला है। केंद्र सरकार आज जिस रास्ते पर जा रही है, वह सीधा निजीकरण की ओर ले जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेट्रोल पर 2.50 रुपये और डीजल पर 4 रुपये का कृषि सेस लगाया गया है। गरीब और आम आदमी पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा। केंद्रीय करों में राज्यों को 41 प्रतिशत हिस्सा देने के बात हुई। यह शायद पहले 30 से 35 प्रतिशत था। अब यह वास्तविकता में कैसे और किस रूप में मिलेगा, वह देखना होगा। नहीं तो, अभी तक तो केंद्र सरकार ने सब कुछ भगवान भरोसे कहकर छोड़ दिया था।
चुनाव का रखा गया ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि बजट में चुनावी राज्यों का खास ख्याल रखा गया है। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम आदि राज्यों के लिए कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का ऐलान किया गया है। इन सभी राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। झारखण्ड जैसे पिछड़े राज्य और झारखण्डवासियों को इस बजट से निराशा ही हाथ लगी है।