कुड़मी समाज : जनगणना में पहचान अंकित कराने के लिए एकजुट हों

चांडिल : चांडिल डैम स्थित शीशमहल में आदिबासि कुड़मि समाज सरायकेला-खरसावाँ जिला संयोजक समिति की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में मुख्य रूप से विगत कार्यक्रम 28 दिसंबर 2020 को प्रखंड डेपुटेशन और 08 जनवरी 2021 को जिला डेपुटेशन की समीक्षा की गई। साथ ही अगला कार्यक्रम 4 – 5 फरवरी 2021 को केनकेचे पहाड़, मुड़गुमा,कोटशिला,पुरुलिया में आयोजित वार्षिक ” सारना धरम महाजड़ुआहि” में जिला से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने पर विचार किया गया।इसके अलावे जनगणना और कुड़मालि भाषा, संस्कृति व परंपरा पर विशेष चर्चा की गई एवं गांव-गांव जनजागरण अभियान तेज करने पर बल दिया गया।मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रदेश अध्यक्ष प्रसेनजीत महतो ने समाज से अपने हक, अधिकार व अस्तित्व के रक्षार्थ पूर्व के भाँति षड्यंत्रों से बचते हुए आगामी जनगणना में अपने मूल और वास्तविक पहचान को सुनिश्चित करने की अपील की।उन्होंने बताया कि झारखंड के खतियानधारी कुड़मि, जिन्हें वर्तनी त्रुटि और ध्वन्यात्मक दोष के कारण खतियान में विभिन्न नामों (कुड़मी, कुड़मि,कुर्मी,कुर्मि, कुरमी,कुरमि) से दर्ज किया गया है जो मूल रुप से ‘कुड़मि’ हैं जिसे राज्य सरकार और केंद्र सरकार भी मानती है।अत: तमाम दिग्भ्रमों से बाहर निकलते हुए अपनी डिस्टिंक्ट आइडेंटिटी को स्पष्ट करने के लिए जाति के कॉलम में कुड़मि,मातृभाषा के कॉलम में कुड़मालि और धर्म के कॉलम में प्रकृति धर्म सारना ही दर्ज करें,करवायें और उसे सुनिश्चित भी करें। इस मौके पर में जिला संयोजक मनोज महतो,राजकिशोर महतो, नीलकांत महतो,शक्तिपदो महतो, पंचानन केटिआर,राज बंसरिआर, बबलु महतो,अर्जुन चंद्र महतो,गौतम महतो,खँकु महतो,दीलिप महतो, जगन्नाथ महतो,राजु महतो,कृष्णा महतो,हरिपदो महतो आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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