वेबिनार से मना गृहस्वामिनी का प्रथम वर्षगांठ
जमशेदपुर: ई-पत्रिका ‘गृहस्वामिनीÓ के प्रथम वर्षगांठ पर वेबिनार का आयोजन हुआ, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि प्रसिद्ध कथा सम्राज्ञी ममता कालिया थी. इसका विषय ‘संविधान प्रदत्त अधिकारों के प्रति महिलाओं में जागरूकताÓ था. इसमें देश-विदेश से विविध शिक्षाविद और कानूनविद साहित्यकार वक्ता के रूप में शामिल हुए. कार्यक्रम की शुरुआत संचालिका सुधा मिश्रा के सरस्वती वंदना ‘जयति वीणा वादिनीÓ के गायन से हुई. तत्पश्चात डीबीएमएस बीएड कॉलेज की प्रचार्या डॉ जूही समर्पिता ने अतिथियों का स्वागत किया. वेबिनार में अन्य अतिथियों में सरण घई (विश्व हिंदी संस्थान कनाडा, संस्थापक-अध्यक्ष, कनाडा) सहित डा. मुकेश कुमार मालवीय (लॉ स्कूल, बीएचयू , वाराणसी, उत्तर प्रदेश), डा. नुसरत हाशमी (शिवाजी राव एंड भोंसले इंस्टीट्यूट ऑफ़ लॉ एंड रिसर्च, मुंबई), ज्योतिर्माया ठाकुर (शिक्षाविद एवं साहित्यकार, कैंब्रिज, यूके) एवं अमिता प्रसाद (भारतीय प्रशासनिक सेवाकर्मी एवं साहित्यकार) शामिल थीं.
मुख्य अतिथि ने कहा कि महिलाओं के लिए सुरक्षा और अधिकार की बात तो 19वीं शताब्दी से ही शुरू हो गई थी लेकिन इसके बावजूद स्त्रियों के विरुद्ध हिंसा बढ़ी है और इसके रूप भी बदल गए हैं. घरेलू हिंसा, जो प्राय: पुलिस थानों में दर्ज नहीं होती, वास्तव में गलत के प्रति सहिष्णुता, जो लाचारी से प्रारंभ होती है का परिणाम है. आवश्यकता है महिलाएं शिक्षित, जागृत हों और अपने अधिकार की चेतना प्राप्त करने के लिए सक्रिय हों. अन्य अतिथियों ने भी इस विषय पर अपनी बातें रखी.
ग्लोबल मेंटर आइकन अवार्ड की घोषणा
इस अवसर पर कुछ पुरस्कारों की घोषणा की गई. ‘ग्लोबल मेंटर आइकन अवार्ड’ के लिए तीन प्रमुख साहित्यकारों को नामित किया गया जिनमें सरन घई (कनाडा), ज्योतिर्मया ठाकुर (यूके) तथा डा. शिक्षा गुजाधर (मॉरीशस) शामिल हैंं. ‘हम हिंद की नारियां : जलती चिंगारियां-कोई हमें ना समझे फूलों की क्यारियां’ सुधा मिश्रा द्वारा इस उद्बोधक गीत और संपादक अर्पणा संत सिंह के धन्यवाद से इसका समापन हुआ. वेबिनार में राधा जनार्दन, सुरेखा अग्रवाल, रीता रानी, डा. आशा गुप्ता, शशिकला सिन्हा, विनी भटनागर, डा. उमा सिंह किसलय, पुष्पांजलि मिश्रा, प्रदीप दीक्षित, डॉ राजेश कुमार सिंह, रेणु शब्द मुखर, कुमुद रंजन झा, दिव्या माथुर तथा गृहस्वामिनी के अन्य सदस्य व देश विदेश से कई श्रोता के रूप में उपस्थित थे.