चांडिल की नाली सफाई रेलवे ने कराई, लेकिन झूठी कहानी बनाकर श्रेय लेने वालों की कमी नहीं
चांडिल । इन दिनों चांडिल बाजार किसी नाटक मंडली का रंगमंच सा बन गया है। क्योंकि, लगातार पांच व्यापारिक संगठन गठित होने का सिलसिला चल ही रहा था कि उसमें एक नया अध्याय जुड़कर रोचक हो गया। यह नया अध्याय नाली सफाई का श्रेय लेने को लेकर है। यहां वर्षों से नाली सफाई को लेकर राजनीति होती आयी हैं। चुनावी मौसम में विभिन्न दल व उनके प्रत्याशी, नेता, कार्यकर्ता नाली सफाई करवाने का वादा और घोषणा करते हैं। दिखावटी के लिए झाड़ू भी पकड़ लेते हैं और फोटो खिंचवाने के लिए थोड़ी देर सफाई अभियान भी चलाते हैं लेकिन आखिर में वही ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होती हैं। यहां न तो सफाई होती हैं और न ही सफाई के नाम पर राजनीति बंद होती हैं। बहरहाल, हम बताते हैं कि हाल फिलहाल क्या हुआ? बीते दिनों चांडिल वासियों की मांग पर एसडीओ ने उक्त विषय को रेलवे के अधिकारियों के समक्ष पेश किया। चांडिल के कई युवाओं ने ट्विटर के माध्यम से मंत्री चंपई सोरेन व उपायुक्त को गंदगी से हो रहीं परेशानी से अवगत कराया था जिसपर मंत्री चंपई सोरेन ने सरायकेला खरसवां के उपायुक्त को सफाई करवाने का निर्देश जारी किया। उपायुक्त ने मामले को रेलवे विभाग के अधिकारियों के समक्ष रख दिया। कुछ दिनों पूर्व रेलवे के अधिकारियों व एसडीओ ने नालियों का निरीक्षण किया था जिसके बाद गत बुधवार को रेलवे के अभियंता उपेंद्र प्रसाद सिंह की देखरेख में नाली की सफाई हुई। बस स्टैंड के समीप नालियों की वर्षों से सफाई नहीं हुई थी। इसके चलते अभियंता ने जेसीबी मशीन मंगाई और सफाई कराई गई। मजे की बात यह है कि मौके पर पहुंच कर चांडिल बाजार के कुछ लोगों ने सफाई स्थल पर अपना फोटो खिंचवाया। वहीं, सोशल मीडिया पर अपने संगठन की ओर से सफाई करवाने का दावा करने लगे। झूठी कहानी गढ़ी गई और अबतक खूब वाहवाही बटोरी जा रही हैं। पर, जब हमने तहकीकात की तो पता चला कि नाली की सफाई रेलवे विभाग की ओर से की गई। वहीं, सफाई कर्मियों व जेसीबी मशीन का भुगतान भी रेलवे के अभियंता उपेंद्र प्रसाद सिंह ने किया है। उपेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि उक्त नाली रेलवे की जमीन पर होने के कारण रेलवे विभाग द्वारा ही सफाई की गई। रेलवे ठेकेदार विपिन कुमार के माध्यम से सफाई कार्य करवाया गया। भुगतान भी रेलवे की ओर से कर दिया गया हैं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय में बैठक होगी। बैठक में चांडिल बस स्टैंड के समीप पानी निकासी के लिए कलवर्ट लगाने, नाली मरम्मती व सफाई को लेकर चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि निर्णय होने के बाद संभवतः रेलवे विभाग की ओर से ही कलवर्ट लगवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि झूठी कहानी बनाकर श्रेय लेना उचित नहीं है। जनता को वास्तविक खबर मिलनी चाहिए।