चांडिल । गुरुवार दोपहर को सीएसएम आर एस दिल्ली की दो सदस्यीय वैज्ञानिक की टीम स्वर्ण रेखा बहुद्देशीय परियोजना के चांडिल डैम पहुंची। यहां डैम के पिलर में आई दरारों की जांच की। महावीर दीक्षित तथा यू एस विद्यार्थी की टीम ने दोपहर 12 से शाम छह बजे तक बजे तक निरीक्षण किया। इस दौरान बताया गया कि डैम के पिलरों में हुई दरारों के कारणों का पता लगाने के लिए गहन जांच की गई। बताते हैं कि विशेष प्रकार की मशीन से दरार की जांच होगी, जिससे दरारों के आकार में हो रहे परिवर्तन का पता चलेगा। आधुनिक तकनीक की मशीन से यह पता चलेगा कि पिलरो में आई दरार का आकार बढ़ रहा हैं अथवा नहीं! टीम ने डैम का मुआयना किया। डैम के नीचे स्थित गैलेरी की जांच की, जहां की ड्रेन जाम पाई गई। बताया गया कि लगातार पानी बहाव वाले ड्रेन पर नमक की परत जमा हो जाती हैं, इससे जाम हो जाता हैं। टीम ने उक्त ड्रेन की सफाई का निर्देश दिया। डैम के नीच लगे सभी कलपुर्जों को दुरुस्त करने को कहा। वैज्ञानिकों का मानना है कि पानी में डूबे रहने वाले कलपुर्जे समय से पहले ही खराब हो जाते हैं। इसलिए उन्हें समय समय पर बदलने की जरूरत होती हैं। डैम निरीक्षण के दौरान मुख्य अभियंता के तकनीकी सलाहकार मनोज सिंह, एसी गोपाल जी, कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार, संजीव रंजन सिंह, जेई प्रदीप कुमार, सहायक अभियंता राजीव गाड़ी आदि मौजूद थे।