पटना. जितना तेज उभार, उसी गति से पराभव. कमोबेश यही हाल हुआ है बिहार में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का. उसके पांचों विधायक गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर जाकर मिले. इसके बाद कयासों का बाजार गर्म है। सियासी हलकों में पांचों विधायकों की मंशा पर चर्चा होने लगी है।
चर्चा तो ओवैसी की पार्टी की भी हो रही है. क्योंकि अभी बिहार की राजनीति में भारी उथल-पुथल का दौर चल रहा है। बसपा के एकमात्र विधायक ने जदयू का दामन थाम लिया है। लोजपा के भी टूटने का इंतजार है। इसी बीच बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम भी शायद उसी राह पर चल निकली है.
इस चर्चा ने तब और जोर पकड़ लिया, जब पता चला कि कुछ ही देर पहले विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने भी नीतीश कुमार से मुलाकात की है। आखिर क्या है माजरा? विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम ने राजग और महागठबंधन से अलग गठबंधन बनाकर बिहार में प्रत्याशी उतारे थे। पहली बार उसके पांच विधायक जीतकर आए। स्पीकर के चुनाव में सभी ने महागठबंधन को समर्थन दिया। किंतु दो महीने के भीतर ही आखिर क्या बात हो गई कि पांचों
विधायकों ने नीतीश कुमार से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की।
दल-बदल के खेल में बिहार की राजनीति
सवाल मौजूं है। क्योंकि महज कुछ दिन पहले बसपा के बिहार में एकमात्र विधायक जमां खान ने पार्टी बदली है। उन्होंने जदयू की सदस्यता ली है। लोजपा के एकमात्र विधायक राजकुमार सिंह के बोल-बचन से भी साफ है कि उन्हें भी चिराग पासवान से ज्यादा नीतीश कुमार से अपनापा हो गया है। कभी भी पार्टी बदल सकते हैं। ऐसे माहौल में किसान आंदोलन के समर्थन में महागठबंधन की प्रस्तावित मानव श्रृंखला से महज दो दिन पहले ओवैसी के विधायकों की मुख्यमंत्री से मुलाकात कई तरह के सवाल खड़े कर रही है। मुलाकात के दौरान जदयू के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री विजय कुमार चौधरी भी मौजूद थे।
नीतीश बेहतर सीएम: नीतीश कुमार से मिलने वालों में एआइएमआइएम के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक अख्तरुल ईमान भी थे। उनके साथ इजहार अशफी, अंजर नईमी, शाहनवाज़ आलम और रूकनुद्दीन भी थे। मुलाकात के बाद एआइएमएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल इमान ने कहा कि सीएम नीतीश को वे हमेशा ये अच्छा मुख्यमंत्री मानते हैं। भाजपा से तो वे बेहतर हैं ही।हालांकि पार्टी की ओर से बताया गया है कि सभी विधायक सीमांचल के विकास की योजनाएं लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने गए थे।