टाटा स्टील परिसर में वोटिंग होने पर अदृश्य शक्ति के इशारे पर गड़बड़ी तय: भास्कर राव

टीडब्ल्यूयू
कर्मचारी चुनाव लडऩे वाले नेताओं से करें सवाल तीन वषों में क्या किया
जमशेदपुर, 28 जनवरी (रिपोर्टर): टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व वाइस प्रेसीडेेंट व टाटा वर्कर्स यूनियन बचाओ मोर्चा के संयोजक भास्कर राव ने कहा कि यदि 31 जनवरी को टाटा स्टील परिसर में कमेटी सदस्यों के चुनाव के बाद यूनियन के पदाधिकारियों का चुनाव कराया जाता है तो अदृश्य शक्ति के इशारे पर गड़बड़ी होना तय है. उन्होंने कहा कि इसे कोई भी रोक नहीं सकता है. 214 नवनिर्वाचित सदस्य अपने अधिकार का सही उपयोग नहीं कर सकते हैं.
गुरुवार को टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष पी एन सिंह के आवास पर टाटा वर्कर्स यूनियन बचाओ मोर्चा की ओर से प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया. इस मौके पर मोर्चा के संयोजक भास्कर राव ने कहा कि यूनियन के जो भी पदाधिकारी कर्मचारियों के बीच चुनाव लड़ रहे हैं उन्होंने कर्मचारियों के हित में क्या किया. उन्होंने कहा कि जब यूनियन के 20 हजार सदस्य थे तो चुनाव यूनियन परिसर में होता था आज करीब 14 हजार कर्मचारियों की संख्या होने पर परिसर में चुनाव क्यों कराया जा रहा हे. उन्होंने कहा कि यूनियन के पास करीब 40 करोड़ रुपये हैं. उन्होंने कहा कि टाटा स्टील के कर्मचारियों व कमेटी सदस्यों के बीच कोड ऑफ कंडक्ट का खतरा रहता है. उन पर कोड ऑफ कंडक्ट की तलवार लटकती रहती है. उन्होंने कहा कि न तो कर्मचारी कमेटी सदस्य व कमेटी सदस्य यूनियन के पदाधिकारियों का निर्भीक होकर चुनाव नहीं कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि टाटा वर्कर्स यूनियन बचाओ मोर्चा की मांग है कि चुनाव टाटा वर्कर्स यूनियन परिसर में कराया जाए. उन्होंने कहा कि 2012 में जब जेआरडी टाटा स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स में चुनाव हुआ तब पीएन ङ्क्षसह चुनाव जीत कर आए थे लेकिन 2015 के अदृश्य शक्ति के इशारे पर पीएन ङ्क्षसह के को-ऑप्शन की बिना गिनती किए जीत हार का फैसला हो गया था. उन्होंने कहा कि अदृश्य शक्ति के इशारे पर यह खेल चलता है. इस बार भी कंपनी परिसर में चुनाव हुआ तो वर्ष 2015 में हुए चुनाव की पुनावृत्ति होने से कोई भी नहीं रोक सकता है. यूनियन के सदस्य चुनाव में निष्पक्ष होकर मतदान नहीं कर सकते हैं.
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कर्मचारी उम्मीदवारों से पूछे मजदूरों के हित में क्या किया: पी एन सिंह
टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष पी एन सिंह ने कहा कि जो भी उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं उनसे कर्मचारी यह पूछे कि छ: या तीन वर्षों में मजदूरों के हित में क्या किया. उनकी क्या उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि यूनियन के पूर्व अध्यक्ष होने के कारण उनका कर्तव्य है कि वे कर्मचारियों को जागरुक करें. उन्हें उनका अधिकार दिलाने में सहयोग करें. उन्होंने कहा कि जो भी सुविधाएं बंद हुई है उसके लिए उन्होंने क्या पहल की. उन्होंने कहा कि पिछले छ: वर्षों की जो स्थिति रही तो आने वाले समय में कर्मचारियों की सभी सुविधाएं खत्म हो जाएगी.

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