कभी कहलाता था नेकलेस ,आज बन गया गले का घेघ

11 किमी मैरिन ड्राइव के रास्ते में हो गए है जानलेवा गड्ढे

जमशेदपुर। टाटा स्टील की वेस्टर्न कॉरिडोर परियोजना के तहत सुवर्णरेखा नदी के किनारे बनी 11 किमी लंबी मरीन ड्राइव की स्थिति आमजनों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है। सड़क की स्थिति ऐसी है कि लोग जाने से कतराते हैं। सड़क के बीचोंबीच बड़े गड्ढे बन गए हैं, जो किसी भी अप्रिय घटना को निमंत्रण दे रहे हैं। लोगों की इसी परेशानी को देखते हुए पूर्व भाजपा महानगर अध्यक्ष दिनेश कुमार ने ट्वीट कर सांसद विद्युत वरण महतो एवं जिला उपायुक्त को सड़क के जल्द मरम्मती संबंधी सहयोग का आग्रह किया। बुधवार को किये गए ट्वीट पर शहरवासियों ने भी इसे गंभीर समस्या बताते हुए शीघ्र सड़क दुरुस्त करने की मांग की। जिसपर जिला उपायुक्त कार्यालय ने त्वरित संज्ञान लेते हुए टाटा स्टील के सक्षम पदाधिकारियों को जल्द सड़क मरम्मती के आदेश दिए हैं। इस आदेश के बाद पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार ने जिला प्रशासन का आभार जताते हुए कहा कि मरीन ड्राइव की सड़क इतनी बदहाल बनी हुई है जहां से पैदल गुजरना भी लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। उनका कहना है कि सड़क में बने गड्ढे और उड़ते धूल निरंतर हादसों को निमंत्रण दे रहे हैं। जिसमें दोपहिया वाहन चालक के चोटिल होने के साथ बड़े वाहन क्षतिग्रस्त होने की प्रबल संभावना है। उन्होंने कहा कि मरीन ड्राइव सड़क के निर्माण के साथ इसके मरम्मती एवं रखरखाव की जिम्मेदारी टाटा स्टील की है। उन्होंने विश्वास जताया कि मरीन ड्राइव की सड़क मरम्मत जल्दी होगी जिससे कि पुनः आमजनों को सफर में कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। ज्ञात हो कि शहर की सड़कों पर भारी वाहनों की भीड़ कम करने के दृष्टिकोण से मरीन ड्राइव का निर्माण किया गया है जिसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया था। 11 किमी लंबे इस सड़क में मानगो पुल से आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र और सरायकेला जाने वाले वाहन शहर के बाहर से होते हुए निकलते हैं, इससे साकची, बिष्टुपुर में भी जाम की स्थिति नहीं बनती है।

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