कोयला ढुलाई करने वालों ने हद पार कर दी, बीमारियों को आमंत्रित कर रही एनएच 32 की धूल
चांडिल । जब राष्ट्रीय राजमार्ग पर अराजकता फैलाने, क्षति पहुंचाने तथा सड़क को अनावश्यक बाधित करने पर सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन्न करने व धारा 353 के तहत मामला दर्ज किया जाता है तो ऐसे में सवाल यह है कि नेशनल हाईवे को बर्बाद करने वालों पर सरकार क्यों नहीं कार्रवाई करती है ? सरायकेला खरसवां जिले के नीमडीह थाना क्षेत्र के पितकी रेलवे फाटक से होकर गुजरने वाले एनएच 32 की दुर्दशा देख आपके जेहन में भी यही सवाल खड़े होंगे। यहां चांडिल रेलवे स्टेशन पर रेक लोडिंग – अनलोडिंग का काम चलता है। यहां रेलवे द्वारा कोयला अनलोड किया जाता है, जिसे हाइवा व ट्रकों से क्षेत्र के विभिन्न कम्पनियों में ले जाया जाता है। इस काम के लिए कई नियम और कानून तो बनाए गए हैं लेकिन किसी तरह के नियमों का पालन नहीं किया जाता है। बताया जाता है कि चंद रसूखदारों व सफेदपोश नेताओं के संरक्षण में यह गौरखधंधा फलफूल रहा है। रेलवे रेक से पितकी रेलवे फाटक होते हुए मुख्य चांडिल बाजार होकर ही कोयला ढुलाई होती हैं जिसके कारण पूरे सड़क पर दिन रात धूल के गुब्बारे उड़ते रहते हैं। यहां तक कि घना अंधेरा छा जाता है। इसके कारण राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह कोयले की धूल स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। नियमों का पालन नहीं होने से पितकी रेलवे फाटक के समीप करीब तीन फीट की धूल भरी परत जमा हो गई है। हाइवा वाहनों से ओवरलोड कोयला रहने से आए दिन बड़ी दुर्घटना होने की संभावना रहती हैं। लेकिन, इस तरह कानून की धज्जियां उड़ाने वालों पर जिला प्रशासन नकेल नहीं कसता। दिन रात किसी क्षेत्र में कोयले की डस्ट उड़ने से बीमारियों का होना तय है। वहीं, पर्यावरण पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।
पुलिस ने कराई सफाई :
गुरुवार को पितकी फाटक के समीप उड़ती धूल से परेशान ग्रामीण सड़क जाम पर उतर आए थे जिसकी भनक लगते ही नीमडीह थाना प्रभारी ए के खान मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को शांत किया। थाना प्रभारी ने निजी स्तर से तत्काल सड़क की सफाई शुरू करवा दी। लेकिन, सड़क पर गंदगी फैलाने वालों पर कार्रवाई करने में पुलिस के हाथ पैर फूल रहे है। मजे की बात यह रही कि थाना प्रभारी के जाते ही सफाई का काम भी बंद हो गया। ग्रामीणों ने भी बैठक कर रेक संचालन के खिलाफ वरीय अधिकारियों तक जाने की ठान ली।
कोई कमाए पैसा और ग्रामीण हो जाए बीमार : धूल से प्रभावित ग्रामीणों ने संवाददाताओं को कहा कि ओवरलोड कोयला ढुलाई के कारण पूरी सड़क पर दिन रात धूल उड़ती है। कोयला ढुलाई करने वाले हाइवा मालिक रुपया कमा रहे हैं और ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। टेंगाडीह पंचायत के उपमुखिया कालीपद गोप ने कहा कि दर्जनों गांवों के ग्रामीण इस धूल के कारण परेशान हैं। लेकिन, प्रशासनिक अधिकारियों की नींद नहीं खुल रही हैं। यदि इस उड़ती धूल से ग्रामीणों को निजात नहीं मिलती है तो उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा। भाजपा नेता नितेश तिवारी ने कहा कि नियमानुसार कोयला ढुलाई हो । लगातार उड़ती धूल के कारण राहगीरों को काफी परेशानी हो रही हैं। आए दिन सड़क दुर्घटना हो रही हैं। तरह तरह की बीमारियां फैल रही हैं।