दुमका । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हम सभी मिलकर नया झारखंड बनाएंगे ।श्री सोरेन मंगलवार को पुलिस लाइन मैदान में झंडोत्तोलन के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे ।श्री सोरेन ने कहा कि आज का दिन
संवैधानिक स्वतंत्रता के प्रवर्तन का यह दिन सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के लक्ष्य को प्राप्त करने का संकल्प दिवस है। राष्ट्र की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखते हुए समस्त नागरिकों को विकास के समान अवसर उपलब्ध कराना, यह हमारे संविधान की मूल भावना है। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी,पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ० राजेन्द्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेदकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरदार बल्लभ भाई पटेल जैसे राष्ट्र निर्माताओं को याद करते हुए कहा कि जिन्होंने अपने त्याग, बलिदान और दूरदर्शिता से हमारे लिये ऐसा मार्ग प्रशस्त किया जिस पर चल कर हम एकमजबूत लोकतान्त्रिक गणराज्य के रूप में विश्व पटल पर स्थापित हो सके।
श्री सोरेन ने कहा कि झारखंड सरकार गठन के उपरांत मंत्रिपरिषद् की प्रथम बैठक में ही हमने यह स्पष्ट संदेश दिया था कि महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य की महिलाओं के सशक्तीकरण हेतु 181 हेल्पलाईन की शुरूआत की गयी है। इस हेल्पलाईन के द्वारा राज्य में किसी भी प्रकार के हिंसा से पीड़ित अथवा अन्य किसी भी परिस्थिति में फँसी महिला को अविलंब सहायता प्रदान की जाएगी । हेल्पलाईन नंबर 181 एक एकीकृत हेल्पलाईन है, जो 24×7 कार्य करेगा। इसके माध्यम से महिलाओं को पुलिस, विधिक सहायता, मेडिकल, एम्बुलेंस सेवा जैसी आपातकालीन सेवायें उपलब्ध करायी जायेंगी। महिलाओं को ये सारी सहायता एक स्थान पर ही उपलब्ध हो सके, इस उद्देश्य से “सखी वन स्टॉप सेंटर” का संचालन राज्य के प्रत्येक जिले में किया जा रहा है। साथ ही इसके माध्यम से महिलाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी जाएगी। श्री सोरेन ने कहा कि महिलाओं के अवैध एवं अनैतिक व्यापार की रोकथाम, पीड़ितों के बचाव,पुनर्वास, पुनर्समेकण एवं स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है।इस निमित्त संचालित उज्जवला योजना अन्तर्गत पलामू प्रमंडल मुख्यालय (मेदिनीनगर) एवं उत्तरी छोटानागपुर प्रमण्डल मुख्यालय(हजारीबाग) में उज्जवला होम स्थापित किया गया है।अन्य तीन प्रमण्डल मुख्यालयों में उज्जवला होम शीघ्र चालू किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि झारखण्डी सरकार ने सरना आदिवासी धर्म कोड को जनगणना में शामिल करने के लिए विधानसभा का एकदिवसीय विशेष सत्र बुलाकर प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार को भेजा है। हो, कुडुख एवं मुंडारी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए भी राज्य सरकार की तरफ से प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है । श्री सोरेन ने कहा कि महिला सशक्तिकरण हेतु राज्य में करीब 2.57 लाख सखी मण्डलों का गठन कर लगभग 32.2 लाख परिवारों को इससे जोड़ा जा चुका है। राज्य के विकास में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सखी मंडलों को करीब 726 करोड़ रूपये चक्रीय निधि, सामुदायिक निवेश निधि तथा 1824 करोड़ रूपये क्रेडिट लिंकेज के रूप में उपलब्ध कराया जा चुका है। इसके साथ ही आजीविका सशक्तिकरण हुनर अभियान (ASHA) के माध्यम से राज्य के 17 लाख परिवारों को आजीविका के सशक्त माध्यम से जोड़ा गया है । उन्होंने फुलों झानो आशीर्वाद अभियान के अन्तर्गत विगत चार माह में राज्य की करीब 12 हजार महिलाओं को हड़िया-दारू निर्माण एवं बिक्री के कार्य से मुक्त करा कर आजीविका के विभिन्न साधनों से जोड़ा गया है। सखी मंडलों द्वारा निर्मित उत्पादों को “पलाश ब्राण्ड” के जरिए एक नई पहचान देकर करीब 2 लाख ग्रामीण महिलाओं की आमदनी में बढ़ोतरी सुनिश्चित किया जा रहा है। अब तक 29 लाख रुपये का कारोबार किया गया है।
हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार गठन के उपरांत सभी विभागों के विभागवार समीक्षा के क्रम में मैंने यह महसूस किया कि राज्य सरकार को अपेक्षित राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है। कई स्तरों पर नीतिगत पहल की आवश्यकता है, तो कई जगहों पर प्रशासनिक तंत्र को चुस्त-दुरूस्त कर राजस्व में वृद्धि की जा सकती है।मैंने सभी विभागों को स्पष्ट निदेश दिया है कि राजस्व प्राप्ति को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ अविलम्ब कार्य प्रारम्भ कर दें। जहाँ कहीं भी आवश्यक हो, नई नीतियाँ बनायी जाय तथा वर्तमान में लागू अधिनियमों, नियमों, विनियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्डी सरकार निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत पदों को स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने जा रही है। राज्य के लोगों की भावना के अनुरुप हम नयी स्थानीयता नीति परिभाषित कर रहे हैं।अल्पसंख्यक विद्यालयों में कर्मी की नियुक्ति के लिए नियमावली बनायी जा रही है। शिक्षक एवं पुलिस भर्ती के लिए हम जल्द नियमावली ला रहे हैं। बहुत सारे कार्य हैं, जिसे पूरा करते हुए राज्य को प्रगति के पथ पर आगे ले कर जाना है।