जमशेदपुर, 20 जनवरी (रिपोर्टर) : साकची बाजार में फुटपाथी दुकानदारों के साथ-साथ आवंटित दुकानदारों पर प्रशासन द्वारा नियमित जांच की जा रही है. पिछले कुछ दिनों से प्रशासन और पुलिस के लोग फुटपाथी दुकानदारों को दुकान नहीं लगाने दे रहे हैं. सुरक्षा बलों की बाजार में तैनाती की गई है, लेकिन साकची के कई मॉल के सामने अभी भी फुटपाथी दुकानदार दुकान लगा रहे हैं. साकची गोलचक्कर से पुराना कोर्ट रोड के पास के कई मॉल के सामने ऐसे फुटपाथी दुकानदार अभी भी दिख जा रहे हैं. फुटपाथी दुकानदारों को लेकर प्रशासन अभी जैसा मन बनाया हुआ है, उसे देखते हुए लोग करीब ढाई दशक पुरानी स्थिति का स्मरण करने लगे हैं. उनदिनों संजय कुमार जमशेदपुर के उपायुक्त थे और इसी तरह फुटपाथी दुकानदारों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया गया था. तब सैकड़ों फुटपाथी दुकानदारों को संजय मार्केट और शालिनी मार्केट बनाकर वहां स्थानांतरित किया गया था. इनके अलावे रेडिमड मार्केट और न्यू रेडिमेड मार्केट भी फुटपाथी दुकानदारों के लिये बनाये गये. लेकिन बताया जाता है कि 50 प्रतिशत से अधिक फुटपाथी दुकानदारों ने वहां आवंटित दुकानों को बेच दिया और वापस फुटपाथ पर पहुंच गये हैं. उन्हें यहां दुकान लगाना आसान लगता है. पुलिसवालों को कुछ पैसे चुकाकर वे यहां रोजाना बैठ जाते हैं. अभी चूंकि उपायुक्त के स्तर पर सारी निगरानी की जा रही है और लगातार प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस के आला अधिकारियों का भ्रमण साकची बाजार में हो रहा है. इसकारण अभी दुकानें नहीं लग रही है. फुटपाथी दुकानदारों को आम बगान भेजा जा रहा है मगर वे वहां जाने के लिये तैयार नहीं है. उनको पता है कि एकबार यदि वे वहां दुकान लगाना शुरु कर दिये तो फिर साकची बाजार में फुटपाथ पर वापस लौटना उनके लिये कठिन हो जाएगा. अभी वे जी हुजुरी और चिरौरी कर अपना काम निकालना चाहते हैं. इसी कड़ी में उन्होंने मंत्री बन्ना गुप्ता से भी गुहार लगाई थी. लेकिन वहां उन्हें निराशा ही हाथ लगी.