,नई दिल्ली पिछले लंबे समय से शायरियों, बयानों की वजह से विवादों में रहने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने एक बार फिर से ऐसा ट्वीट किया है, जिससे बवाल मच गया। इस ट्वीट में उन्होंने चंद पंक्तियों से संसद को गिराकर खेत बनाने की बात कही थी। हालांकि, विवाद बढ़ता देख उन्होंने ट्वीट को डिलीट कर दिया। बाद में उन्होंने कहा कि वे संसद की पुरानी इमारत को गिराकर खेत बनाने की बात कह रहे थे। मालूम हो कि मुनव्वर राणा देश के काफी मशहूर शायर हैं और उनकी कई शायरियां दुनियाभर में सुनी जाती हैं, लेकिन पिछले काफी समय से वे अपने बयानों पर घिरते रहे हैं।
मुनव्वर राणा अपने ट्विटर अकाउंट पर शायरी की पंक्तियां ट्वीट करते रहते हैं। इसी तरह उन्होंने रविवार को भी एक ट्वीट किया, जिसपर बवाल मच गया। राणा ने अपने ट्वीट में लिखा, ”इस मुल्क के लोगों को रोटी तो मिलेगी, संसद को गिराकर वहां कुछ खेत बना दो। अब ऐसे ही बदलेगा किसानों का मुकद्दर, सेठों के बनाए हुए गोदाम जला दो। मैं झूठ के दरबार में सच बोल रहा हूं, गर्दन को उड़ाओ, मुझे या जिंदा जला दो।” हालांकि, बाद में मुनव्वर राणा ने ट्वीट को डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक लोग स्क्रीनशॉट ले चुके थे और उसे शेयर कर रहे थे।
ट्वीट डिलीट करने के बाद पेश की सफाई
मशहूर शायर ने ट्वीट डिलीट करने के बाद सफाई भी पेश की। उन्होंने कहा कि जब नया संसद भवन बन रहा है तो पुरानी बिल्डिंग को गिरा देना चाहिए। वहां पर कुछ खेतों को बना देना चाहिए, जिससे किसानों को रोटी मिलेगी। इसमें कोई बुरी बात नहीं है। मुनव्वर राणा ने एक निजी चैनल से बात करते हुए आगे कहा, ”इस मुल्क में इमरजेंसी लगी हुई है कि जुबां खोलते ही शायर को गाली पड़ने लगती है। यह बात होने लगी कि डोनाल्ड ट्रंप ने जो किया, वह मुनव्वर राणा कर रहे हैं। लेकिन हमारी हैसियत ट्रंप जितनी नहीं है।” उन्होंने कहा कि रोजाना किसान खुदकुशी कर रहे हैं। इतने लोग मर गए। किसान अपना फायदा-नुकसान समझता है। सत्ता को इतनी जिद नहीं करनी चाहिए। मुनव्वर राणा ने आगे कहा कि मेरा पीएम मोदी से कोई विरोध नहीं है। मैं व्यक्तिगत तौर पर उन्हें पसंद करता हूं और सम्मान करता हूं। बात उसूलों की है। अगर शायर नहीं लिखेगा तो कौन लिखेगा। मैं बोलता हूं तो उसके बदले में काफी गालियां सुनने को मिलती हैं।