नई दिल्ली 31 दिसंबर लॉक डाउन के बाद देश की आर्थिक गतिविधियों में सुधार हो रहा है। नये साल के पहले दिन जीएसटी को लेकर सुखद खबर आई। दिसंबर 2020 में 1.15 लाख करो? रुपए का जीएसटी कलेक्शन हुआ है। जुलाई 2017 से देश में जीएसटी लागू होने के बाद यह सबसे ज्यादा है। इससे पहले का रिकॉर्ड 1.14 लाख करो? रुपए का था, जो अप्रैल 2019 बना था। अक्टूबर 2020 में जीएसटी से 1 लाख 5 हजार 155 करोड़ रुपए और नवंबर में 1 लाख 4 हजार 963 करोड़ रुपए आए थे। वित्त मंत्रालय का कहना है कि जीएसटी चोरी और फेक बिल के खिलाफ देशभर में चलाए गए अभियान के कारण भी कलेक्शन बढा है।
2020 में केवल 5 महीने 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कलेक्शन
कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण 2020 में सिर्फ पांच महीने त्रस्ञ्ज कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, जनवरी 2020 में 1 लाख 10 हजार 828 करोड़ रुपए कलेक्शन रहा था। इसके अगले महीने फरवरी में 1 लाख 5 हजार 366 करोड़ रुपए आए थे। अनलॉक के बाद अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा है।
अप्रैल में सबसे कम कलेक्शन हुआ था
कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन से मार्च से त्रस्ञ्ज कलेक्शन घटने लगा था। उस महीने कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपए से कम होकर 97 हजार 597 करो? रुपए रह गया था। अप्रैल में तो यह सिर्फ 32 हजार 172 करोड़ रुपए रह गया जो अब तक का सबसे कम है। हालांकि मई से इसमें लगातार सुधार हो रहा है।
जीएसटी कलेक्शन बढने के तीन प्रमुख कारण
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, दिसंबर 2020 में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 12प्रति ज्यादा रेवेन्यू मिला है।
दिसंबर में 2020 आयात बढ़ गया है। एक साल पहले के मुकाबले इस साल आयात से 27त्न ज्यादा रेवेन्यू मिला है।
त्रस्ञ्ज चोरी और फेक बिल के खिलाफ देशभर में चलाए गए अभियानों के कारण भी ज्यादा टैक्स मिला है।
अप्रैल-मई में गिरावट की हो सकती है भरपाई
जीएसटी का यह रिकॉर्ड ऐसे समय बना है, जब कोविड-19 के कारण हालात अभी तक पूरी तरह सामान्य नहीं हुए हैं। इंडस्ट्री चैंबर सीआईआई के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, स्थिति अब सामान्य हो रही है। आयात पर टैक्स कलेक्शन ब?ने का मतलब है कि लॉकडाउन की सुस्ती के बाद अब उद्योगों में तेजी से सुधार हो रहा है। कंसल्टेंसी फर्म डेलॉय इंडिया के सीनियर डायरेक्टर एम.एस. मनी के अनुसार अर्थव्यवस्था में मांग लगातार बढ रही है। इस वित्त वर्ष के शुरुआती महीनों, खासकर अप्रैल और मई में जीएसटी कलेक्शन में जो कमी आई थी, जनवरी से मार्च के दौरान उसकी काफी हद तक भरपाई हो जाएगी। गौरतलब है कि अप्रैल से दिसंबर के दौरान जीएसटी कलेक्शन 14त्न कम रहा है।
1 दिसंबर तक 87 लाख जीएसटी रिटर्न फाइल हुए
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, दिसंबर में 21 हजार 365 करोड़ रुपए सीजीएसटी, 27 हजार 804 करोड़ रुपए एसजीएसटी और 57 हजार 426 करोड़ रुपए आईजीएसटी से मिले हैं। आईजीएसटी में वस्तुओं के आयात से मिले 27 हजार 50 करोड़ रुपए भी शामिल हैं। इसके अलावा 8579 करोड़ रुपए सेस के तौर पर मिले हैं। इसमें आयातित वस्तुओं पर लगाया गया 971 करोड़ रुपए का सेस भी शामिल है।
मंत्रालय के मुताबिक, नवंबर महीने के लिए 31 दिसंबर 2020 तक 87 लाख जीएसटी रिटर्न फाइल हुए।
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए एनुअल रिटर्न फाइलिंग की तिथि बढ़ी
केंद्र ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए एनुअल रिटर्न फाइलिंग की तारीख बढ़ा दी है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 के लिए एनुअल रिटर्न 28 फरवरी 2021 तक दाखिल किया जा सकता है। अभी तक अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2020 थी।