नई दिल्ली: फास्टैग सरकार अनिवार्य कर रही है, यह अच्छी बात है लेकिन भारत जैसे सवा अरब आबादी वाले देश में यह इतना जल्दी हर व्यक्ति के लिए संभव नहीं है. शायद यही सोचकर सरकार बार-बार डेडलाइन बढ़ा रही है. अगर आपने अभी तक अपने चार पहिया वाहन पर फास्टैग नहीं लगवाया है तो चिंता की कोई बात नहीं। सरकार ने इसके लिए फास्टैग की अंतिम तारीख डेढ़ महीने बढ़ाकर 15 फरवरी कर दी है। पहले एक जनवरी 2021 डेडलाइन थी।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक टोल ट्रांजेक्शन में फास्टैग की हिस्सेदारी अभी लगभग 75 प्रतिशत -80 प्रतिशत है। ऐसे में सरकार यह आंकड़ा 100 प्रतिशत करना चाहती है। एक्सपर्ट भी मानते हैं कि टोल प्लाजा पर लंबी कतार से बचने के लिए लोग भी फास्टैग से भुगतान करना चाहते हैं। फास्टैग को 1 दिसंबर 2017 के बाद से नए चार पहिया वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन के समय ही अनिवार्य कर दिया गया था। इस फैसले को लागू करने के लिए सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम-1989 में संशोधन भी किया था।
टोल कलेक्शन का नया रिकॉर्ड
एनएचएआई के मुताबिक, 24 दिसंबर को ई-टोल के जरिए टोल कलेक्शन का आंकड़ा 80 करोड़ रुपए प्रतिदिन के पार पहुंच गया था। अब देशभर के सभी टोल प्लाजा पर रोजाना 50 लाख से ट्रांजैक्शन हो रहे हैं। अब तक पूरे देश में 2.20 करोड़ से ज्यादा फास्टैग जारी किए जा चुके हैं। नेशनल परमिट वाली गाडिय़ों के लिए फास्टैग को 1 अक्टूबर 2019 से ही जरूरी बना दिया गया है। अब तो थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के लिए फास्टैग को जरूरी बना दिया गया है, जो 1 अप्रैल 2021 से लागू होगा। मिनिस्ट्री ने कहा है कि कई तरीकों से फास्टैग की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के कदम उठाए जा रहे हैं। ये ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों में उपलब्ध होंगे।
कहां मिलेगा फास्टैग?
एनएचएआई के मुताबिक देश में करीब 30 हजार पॉइंट ऑफ सेल उपलब्ध हैं, जहां आसानी से फास्टैग खरीदा जा सकता है। इसके अलावा नेशनल हाईवे टोल प्लाजा और 22 बैंकों से फास्टैग स्टीकर खरीदे जा सकते हैं। यह पेटीएम, अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हैं। दो वाहनों के लिए दो अलग-अलग फास्टैग खरीदना होगा।