नयी दिल्ली 26 दिसंबर: बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उत्तर प्रदेश पुलिस की खुलेआम गुंडागर्दी का उदाहरण देते हुए एटा की उस घटना की कड़ी निंदा की है जिसमें पिछले दिनों पुलिसवालों ने एक मकान का दरवाजा तोड़ कर घर के अंदर से वकील को बाहर निकाला और उसकी निर्दयता पूर्वक पिटाई की। अधिवक्ता उस समय वकील के ड्रेस में ही थे। इस घटने का वीडियो पूरे देश में वायरल हुआ।
काउंसिल के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने आज विज्ञप्ति जारी कर बताया कि इस मामले में तत्वरित कार्रवाई के लिए भारत और इलहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों को अनुरोध किया जाएगा। न्यायालय से मांग की जाएगी कि दोषी पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करते हुए उन्हें सेवा से मुक्त करने की कार्रवाई की जाए। पुलिस पिटाई का विडियो अपने आप में पर्याप्त साक्ष्य है। आश्चर्य है इस मामले में उत्तर प्रदेश बारकाउंसिल के ध्यानाकर्षण पर वहां के राज्य सरकार ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। कानून के रक्षकों से इस प्रकार की गुंडागर्दी की अपेक्षा नहीं की जाती। उन्होंने कहा है कि भारत वर्ष के वकील इस अत्याचार को बर्दाश्त नहीं कर सकते। अगर सरकार और न्यायालय ने ऐसी ज्यादतियों की अनदेखी की तो वकीलों के पास सडक़ पर उतरने के सिवाय कोई चारा नहीं बचेगा। बारकाउंसिल ने एक प्रस्ताव में केन्द्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखकर यह मांग करने का निर्णय लिया है कि वे तत्काल इस मामले में कार्रवाई करें और देश के वकीलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कानून बनावें। इस संबंध में बारकाउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा सभी राज्यों की काउंसिलों के प्रतिनिधियों के साथ एक संयुक्त वर्चुअल कांफ्रेंस तीन-चार दिनों के भीतर आयोजित किया जाएगा और आगे की रणनीति तय की जाएगी। इस बैठक में महामारी के समय केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा वकीलों को कोई मदद नहीं दी जाने पर भी विचार किया जाएगा। इस मामले में सर्वोच्चय न्यायालय ने भी रिट फाइल किये जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जो अभी भी विचाराधीन है। वकील और कुछ नहीं चाहते सिर्फ ब्याज मुक्त अथवा अत्यंत कम दर पर सरकार से कर्ज मांगते हैं। यह भी सरकार नहीं कर रही। बारकाउंसिल ने कोर्ट की कार्रवाइयों को सरकार द्वारा आगे से वर्चुअल कराने की योजना पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि वकीलों को यह स्वीकार नहीं होगा। एसोसिएशन ने शीघ्र ही फिजिकल हियरिंग कोर्ट में शुरू कराने की मांग की है। बारकाउंसिल ने विदेशी कानूनी प्रतिष्ठानों को भारत में अनुमती देने को भी स्वीकार किया है। एसोसिएशन का कहना है कि वर्चुअल हियरिंग और विदेशी $फॉमों के आने से पूरी अदालती प्रक्रिया कुछ खास लोगों के चंगुल में फंस कर रह जाएगी। डीआईजी कोल्हान कार्यालय के विधि सलाहकार जयप्रकाश ने बारकाउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन के इस कदम का स्वागत किया है।