बहरागोड़ा संवाददाता, 24 अगस्त: बहरागोड़ा विधानसभा में फिलहाल भाजपा में चार प्रमुख नेता सक्रिय हैं। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी, सांसद विद्युत वरण महतो और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ दिनेश षाड़ंगी तथा उनके पुत्र कुणाल षाड़ंगी। मगर डॉ दिनेशानंद गोस्वामी ही खांटी भाजपाई हैं। शेष दिग्गजों पर दलबदलू होने की मुहर लगी है। यह अलग बात है कि दल बदलने वाले को ही सफलता मिली। मगर डॉ गोस्वामी खांटी भाजपाई होते हुए भी सफल नहीं हुए। अलबत्ता, उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के रूप में जमशेदपुर जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा और बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा।
डॉ दिनेश षाड़ंगी और कुणाल षाड़ंगी : जहां तक दल बदलने की बात है तो डॉ दिनेश षाड़ंगी पहले पायदान पर हैं। डॉ षाड़ंगी ने 1990 में जनता दल और 1995 में समता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। 1997 में वे भाजपा में शामिल हुए। भाजपा उम्मीदवार के रूप में वर्ष 2000 में चुनाव जीते और झारखंड के पहले स्वास्थ्य मंत्री बने। 2004 में भी भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते और 2009 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में झामुमो के विद्युत वरण महतो से चुनाव हार गए। वर्ष 2007 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा और चुनाव हारे। इसके बाद झाविमो में शामिल हो गए। वर्ष 2014 में उनके पुत्र कुणाल षा?ंगी झामुमो में शामिल हुए तो डॉ षाड़ंगी ने झामुमो को समर्थन दिया। वर्ष 2019 विधानसभा चुनाव के पूर्व उनके पुत्र कुणाल षाड़ंगी भाजपा में शामिल हुए तो डॉ षाड़ंगी की भी भाजपा में वापसी हुई।
विद्युत वरण महतो: विद्युत वरण महतो झामुमो प्रत्याशी के रूप में बहरागोड़ा विधानसभा में वर्ष 2000 तथा 2004 में चुनाव हारे और 2009 में चुनाव जीते। 2014 में विद्युत वरण महतो ने झामुमो छोड़ दिया और भाजपा प्रत्याशी के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा और विजयी रहे। वर्ष 2019 में भी भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और दोबारा सांसद बने।
डॉ दिनेशानंद गोस्वामी : डॉ गोस्वामी 43 वर्षों से भाजपा में राजनीति कर रहे हैं। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने और भाजपा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष भी बने। वर्ष 2011 के लोकसभा चुनाव में जमशेदपुर लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव हारे। 2014 विधानसभा चुनाव में बहरागोड़ा से चुनाव लड़ा और पराजित हुए। 2019 विधानसभा चुनाव की उन्होंने व्यापक तैयारियां की। परंतु भाजपा नेतृत्व ने उन्हें टिकट नहीं दिया। झामुमो से भाजपा में शामिल कुणाल षाड़ंगी को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया।
बावजूद, डॉ गोस्वामी भाजपा में ही बने रहे और बहरागोड़ा में संगठन को मजबूती प्रदान करने में जुटे हैं।