मायानगरी की कांटेदार गलियों से निकलकर,ग़ुलाब की तरह खिला कोलफील्ड का तोमर

‘सुरमाई नैन तेरे’ वीडियो एलबम के सारे रिकॉर्ड टूटे
झारखण्ड में हिंदी फ़िल्म बनाएंगे जितेंद्र, कहा राज्य में फ़िल्मी कैरियर की अपार संभावना

धनबाद । अक़्सर काले हीरे की धरती की चर्चा उसकी बदनामियों को लेकर होती है। आर्थिक अपराध, वर्चस्व की लड़ाई, बारूद के गंध और माफ़िया-संस्कृति के कारण देश को रौशन करनेवाला कोयलांचल कलंकित होता है , लेकिन इस काली धरती के कई हीरे ऐसे हैं, जो देश-दुनिया में शहर की चमक बढ़ा रहे हैं।

धनबाद कोयलांचल के जितेंद्र सिंह तोमर ने मुंबई की मायानगरी में कांटेदार संघर्ष की पगडंडियों से निकलकर अब अपना झंडा बुलंद कर चुके हैं। वे अब एक सफ़ल निदेशक बन चुके हैं। तोमर फ़िल्म और सीरियल के अलावा अब संगीत की दुनिया की ओर भी रूख कर चुके हैं। जितेन्द्र सिंह तोमर अर्थात जेएसटी फ़िल्म्स नामक कम्पनी बनाकर देश को संगीत से भी सराबोर कर रहे हैं। जून के अंतिम सप्ताह में तोमर का म्यूजिक एल्बम ‘सुरमाई नैन तेरे’ ज़ी म्यूजिक ने रिलीज़ किया तो चंद घण्टे में ही इस एल्बम ने पसन्द के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।

वर्ष’ 2013 में ही सपने देखने की मामूली उम्र में जितेंद्र ने स्नातक की डिग्री लेने के बाद फ़िल्मी दुनिया की ओर रूख किया। बतौर सहायक निदेशक वे टेलीविजन शो ‘अदालत’ में काम किया। देवों के देव महादेव में उनके निर्देशन का लोहा दिग्गज़ डायरेक्टरों ने भी माना। प्रसिद्ध धारावाहिक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में उन्होंने एसोसिएट डायरेक्टर के रूप में अमिट छाप छोड़ी। ‘पोरस’ में भी उनके कार्य को काफी पसंद किया गया। वर्ष’2017 में उनकी लघुफिल्म ‘कौतुम्बिक’ ने भी धूम मचाई।

शोमारू, जी म्यूजिक, टिप्स के साथ मिलकर उन्होंने संगीत के क्षेत्र में भी निर्देशन किया और जबर्दस्त रिस्पांस मिला। उनके एल्बम ‘यार तेरे ऑन डिमांड’ और ‘तेरे साथ’ की सफ़लता ने तोमर को संगीत की दुनिया में भी स्थापित किया। अब ‘सुरमाई नैन तेरे ‘ की धूम बाज़ार में है।ज़ी म्यूजिक के नए एल्बम की पीआर टीम में कोयलांचल के वरिष्ठ पत्रकार उत्तम मुखर्जी को भी सूचीबद्ध किया गया है।

जितेंद्र सिंह तोमर अपनी जीएसटी फ़िल्म कम्पनी के बैनर तले झारखण्ड की धरती पर भी शीघ्र हिंदी फ़िल्म बनाएंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय कलाकारों में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। ज़रूरत है उस प्रतिभा को निखारने की। तोमर ने कहा कि प्रस्तावित फ़िल्म की शूटिंग धनबाद, रांची, पतरातू एवं आसपास के इलाकों में होगी।
उन्होंने कहा कि फ़िल्म, सीरियल और संगीत के क्षेत्र में झारखण्ड में अपार संभावनाएं हैं।
सुशांत सिंह राजपूत की घटना के बाद जब बिहार समेत अन्य प्रदेशों के लोग बेहद सशंकित हैं उस समय जितेंद्र सिंह तोमर की ईमानदार कोशिश से जो परिणाम आ रहा है, वह राहत भरी ख़बर है।

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