सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के निष्कासित चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह निवर्तमान प्रधान गुरमुख सिंह मुखे की अनुपस्थिति में खुद को पुनः स्थापित करने में लगे हैं। प्रधान महेंद्र सिंह की आड़ में वे अपना वारा न्यारा कर रहे हैं और सभी स्थानीय गुरुद्वारा कमेटियों के पक्ष विपक्ष को लड़ाने में लगे हुए हैं।
टीनप्लेट गुरुद्वारा कमेटी के महासचिव तथा सेंट्रल कमेटी के सदस्य सरदार सुरजीत सिंह खुशीपुर ने कहा है कि हाल में टेल्को कीताडीह एवं होम पाइप में चुनाव हुए हैं।
कीताडीह में पत्रकार जगजीत सिंह को प्रधान इन्होंने अपनी देखरेख में चुना है। उस समय लॉक डाउन की परिस्थिति थी और आज भी वही है। आज किस आधार पर शैलेंद्र सिंह चुनाव कराने से इंकार कर रहे हैं और वह होते कौन हैं ऐसा फैसला लेने वाले।
वास्तव में सेंट्रल कमेटी का अगला प्रधान बनना चाहते हैं और इसलिए भोले भाले सीधे ईमानदार प्रधान को डरा धमकाकर या छल कपट के आधार पर अपने साथ जोड़े रखना चाहते हैं।
शहर के जिन गुरुद्वारा कमेटियों का कार्यकाल पूरा हो गया है तो स्वाभाविक है कि वहां चुनावी प्रक्रिया शुरू होगी।
परंतु शैलेंद्र सिंह यहां हर गुरुद्वारे में अपने चाटुकार एवं प्यादे को प्रधान बनाना चाहते हैं। जो उनकी हां में हां मिला सके। सुरजीत सिंह के अनुसार शैलेंद्र सिंह को ऐसा होते हुए उन्हें नहीं दिख रहा है इसलिए उन्होंने एसडीओ से मिलकर उन्हें भी गुमराह करने की कोशिश की है कि अगले एक साल तक कमेटी का चुनाव नहीं करवाया जाए।
यह शैलेंद्र सिंह का अपना निजी फैसला है और उन्होंने प्रधान महेंद्र सिंह तथा अन्य को गुमराह किया है।
वहीं सुरजीत सिंह ने सरदार महेंद्र सिंह को सलाह दी है कि वे अपने विवेक से तथा सेंट्रल कमेटी के बैठक के उपरांत ही न्यायोचित फैसला ले। उन्हें किसी से डरने अथवा पिछलग्गू बनने की जरूरत नहीं है।