जल, थल, आकाश…तीनों सेनाओं को अलर्ट मेसेज
घटी से सेना की वापसी पर रोक, खाली कराए गए गांव
सीमा से सटे इलाकों में मोबाइल फोन बंद, सेना के लैंडलाइन फोन भी बंद
लेह सिटी के बाहर सेना के अलावा सभी मूवमेंट पर रोक, श्रीनगर-लेह हाईवे भी आम लोगों के लिए बंद
नई दिल्ली,17 जून (ईएमएस): 15 जून की घटना के बाद सेना ने लेह और बाकी सरहदों पर अपना मूवमेंट बढ़ा दिया है। इसके साथ ही लद्दाख से जो भी यूनिट्स पीस स्टेशन लौटने वाली थीं, उन्हें वहीं रुकने को कहा है। सेना ने लद्दाख के आसपास के इलाकों में तैनात अपनी यूनिट्स को लेह में कभी भी मूव करने के लिए तैयार रहने के आदेश दिए हैं। खासतौर पर कश्मीर और जम्मू में मौजूद यूनिट्स को किसी भी वक्त लेह जाने के ऑर्डर दिए जा सकते हैं। लेह सिटी के बाहर सेना के अलावा सभी मूवमेंट पर रोक लगा दी गई है। श्रीनगर-लेह हाईवे को भी आम लोगों के लिए बंद कर दिया है। लद्दाख में सीमा से सटे गांव खाली करवाने की तैयारी शुरू हो गई है। सेना ने एहतियातन लोगों से गांव खाली करने को कहा है। देमचोक पैंगॉन्ग लेक के आसपास की बसाहट को अलर्ट रहने को कहा है। सीमा से सटे इलाकों में मोबाइल फोन बंद कर दिए हैं। यहां तक कि सेना के लैंडलाइन फोन भी बंद कर दिए गए हैं।
सिर्फ ऑपरेशन से जुड़े फोन ही काम कर रहे हैं। उन पर भी इनकमिंग फोन कॉल्स बंद हैं। लेह सिटी के बाहर सेना के अलावा सभी मूवमेंट पर रोक लगा दी है और श्रीनगर-लेह हाईवे को भी आम लोगों के लिए बंद कर दिया है। लद्दाख में सीमा से सटे गांव खाली करवाने की तैयारी शुरू हो गई है। सेना ने एहतियातन लोगों से गांव खाली करने को कहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने रूसी न्यूज एजेंसी क्रढ्ढ्र को कोट करते हुए कहा कि भारत, रूस और चीन के बीच 23 जून को विदेश मंत्री स्तर की त्रिपक्षीय बातचीत स्थगित कर दी गई है।
जवानों-ऑफिसर्स की छुट्टियां कैंसल
इसी बीच, सेना ने अपने ऑफिसर और जवानों की छुट्टियां कैंसिल कर दी है। कोरोना के चलते जो ऑफिसर्स और जवान पहले से छुट्टी पर थे, उन्हें लॉकडाउन लगने पर लौटने से मना कर उनकी छुट्टी बढ़ा दी गई थी। अब सभी छुट्टियों को कैंसिल कर दिया गया है।
भारत व चीनी सेना के बीच बातचीत खत्म,नहीं निकला कोई हल
वास्तविक निंयत्रण रेखा (एलएसी) पर हिंसक झड़प के बाद उभर तनाव को लेकर गलवन घाटी में भारत और चीन के प्रमुख जनरलों के बीच बातचीत खत्म हो गई है। किसी तरह के जमीनी बदलाव न होने के कारण बातचीत का कोई नतीजा निकल
कर नहीं आया। आने वाले दिनों में और अधिक वार्ता की जाएंगी। इससे पहले जानकारी आई थी कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी से मुलाकात की है। रक्षा मंत्री मामला सामने आने के बाद से ही लगाताक बैठकें कर रहे हैं। इससे पहले दिन में उन्होंने तीनों सेना प्रमुखों (सेना, नौसेना और वायु सेना) और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ बैठक की थी। साथ ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी बात की।
चीन ने हरकत की तो एक्शन लेने के आदेश
चीन से सटी 3400 किमी लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को अलर्ट कर दिया गया है। सभी जगह फॉरवर्ड पोस्ट के कंपनी कमांडर को चीन की ओर से कोई हरकत होने पर एक्शन लेने के आदेश दिए गए हैं। सेना के अलावा चीन से सटी सीमाओं पर तैनात आईटीबीपी ने भी अपने सैनिकों को अलर्ट कर दिया है।
नौसेना के जंगी जहाज भी तैनात होंगे, फाइटर जेट की तैनाती बढ़ाई गई
इसी बीच, मंगलवार रात को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेना प्रमुखों के बीच हुई बैठक में नौसेना को भी अपने युद्धपोत चीन से सटे इलाकों में तैनात करने के आदेश मिले हैं। सेना के अलावा चीन से सटी सीमाओं पर तैनात आईटीबीपी ने भी अपने सैनिकों को अलर्ट कर दिया है। वायुसेना ने हिमाचल और उत्तराखंड में अपने फॉरवर्ड बेस पर फाइटर जेट की तैनाती बढ़ा दी है
गलवान में जो हुआ, उसके लिए चीन ही जिम्मेदार: विदेश मंत्री
भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने फोन पर चर्चा की, दोनों पक्ष शांति से मसला समझाने के पक्ष में भारत, रूस और चीन के बीच 23 जून को होने वाली विदेश मंत्री स्तर की त्रिपक्षीय बातचीत स्थगित की गई लद्दाख. गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के लिए भारत ने सीधे तौर पर चीन को जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच फोन पर चर्चा हुई। विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए चीन जिम्मेदार है और यह कदम उसने सोच-समझकर उठाया था। गलवान घाटी में सोमवार रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए। चीन के भी 40 सैनिक मारे गए हैं। इनमें यूनिट का कमांडिंग अफसर भी शामिल है। यह अफसर उसी चीनी यूनिट का था, जिसने भारतीय जवानों के साथ हिंसक झड़प की। इसी गलवान घाटी में 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी।
दोनों पक्ष समझौतों का सम्मान करें और एकतरफा कार्रवाई ना करें- भारत
प्रधानमंत्री छिपे हुए क्यों हैं: राहुल
राहुल ने ट्वीट किया, ”प्रधानमंत्री कहां हैं? वे छिपे हुए क्यों हैं? अब बहुत हुआ। हम जानना चाहते हैं कि आखिर क्या हुआ। हमारे
सैनिकों को मारने की चीन की हिम्मत कैसे हुई। वह हमारी जमीन पर कब्जा करने की हिम्मत कैसे कर सकता है? वहीं दिग्विजय ने ट्वीट किया कि मोदी की विदेश यात्राएं कितनी सफल रहीं, इसका प्रमाण दें। प्रधानमंत्री जुमलेबाजी छोड़कर हर क्षेत्र में असफल रहे।