धनबाद पुलिस को प्रिंस खान गैंग के खिलाफ बड़ी सफलता हाथ लगी है। धनबाद पुलिस ने प्रिंस खान के लिए व्यवसायियों से रंगदारी मांगने वाले गिरोह को गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरोह में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले नसीम अंसारी जो मेजर बन कर व्यापारियों से रंगदारी मांगने का काम किया करता था उसे भी पुलिस ने धरदबोचा है। इनके पास से अत्याधुनिक हथियारों के साथ भारी मात्रा में कारतूस और कई समान बरामद हुए है।
मंगलवार को धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार ने बताया कि 2 अक्टूबर की रात करीब 8 बजे गुप्त सूचना के आधार पर गोविंदपुर थाना अंतर्गत जीटी रोड पर ईस्ट मोड़ के समीप एक विशेष छापेमारी दल के द्वारा वाहन चेकिंग शुरू किया गया। इसी दौरान एक मोटरसाइकिल पर सावर तीन लोगों को पकड़ा गया। जबकि एक अन्य मोटरसाइकिल सवार भागने में सफल रहा। तलाशी के दौरान इनके पास से हथियार और नगदी समेत अन्य सामान मिले। पकड़े गए नसीम अंसारी की निशानदेही पर धनबाद थाना के सहयोग से विकास सिंह को दो बंदूक और जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया कि ये सभी विशेष रूप से प्रिंस खान के लिए काम करते थे। उन्होंने बताया कि नसीम खान अपना नाम मेजर बताता था और इसी नाम से ये व्यपारियो को डराया भी करता था, जबकि ये इसका क्षदम रूप था। इसका असली नाम नसीम खान है और इसने 2015 में पे रोल पर जेल से मुक्त होने के बाद पश्चिम बंगाल में रजी अहमद के नाम से अपना फर्जी पहचान पत्र इत्यादि भी बना वहाँ रह रहा था।
एसएसपी ने बताया कि नसीम डेढ़ वर्ष पूर्व प्रिंस खान उर्फ हैदर अली तथा गोपी खान के संपर्क में आया, जिसके बाद उसने प्रिंस खान के निर्देश पर मेजर का क्षदम रूप धारण कर धनबाद के व्यापारियों से रंगदारी मांगने और दहशत फैलाने का काम करने लगा। उन्होंने बताया कि इन्हें विकास सिंह इसे हथियार के साथ साथ धनबाद के व्यवसायियों का मोबाइल फोन नंबर भी उपलब्ध कराता था। जिसके व्हाट्सएप पर नसीम उर्फ मेजर रंगदारी के लिए धमकी भरा मैसेज भेजा करता था।
एसएसपी ने बताया कि नसीम ने रंगदारी के लिए तोपचांची थाना अंतर्गत शेरे पंजाब होटल में बमबारी, गोविंदपुर थाना अंतर्गत खालसा होटल में बमबारी जैसे अन्य घटनाओं को अंजाम देने की बात स्वीकार किया है। उन्होंने बताया कि अपने आप को सफेदपोश कहने वाले कुछ लोग इनकी इस अपराध में मदद कर रहे थे, उनके खिलाफ भी पुलिस साक्ष्य जुटाने में लगी है।
पकड़े गए अपराधियों में धनबाद के कतरास निवासी नसीम अंसारी (44), गिरिडीह के बिरनी निवासी सद्दाम अंसारी (33), धनबाद के जोगता निवासी राजू अंसारी (32) और धनबाद थाना क्षेत्र निवासी विकास सिंह (41) शामिल है।
इनके पास से 5 ऑटोमेटिक पिस्टल, 1 देशी कट्टा, 56 जिंदा कारतूस, 2 सुतली बम, 3 मोबाइल फोन, जिओ कंपनी का 1 राउटर, 50 हजार रुपये नकद, बिना रजिस्ट्रेशन का एक काला पल्सर बाइक और नसीम अंसारी का फर्जी वोटर कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मूल आधार कार्ड, डेविड/क्रेडिट कार्ड बरामद हुआ है।