रांची,8 नवंबर (ईएमएस) : झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक उमाशंकर ङ्क्षसह ने अप्रशिक्षित रह गए लगभग साढ़े चार हजार पारा शिक्षकों को कार्यमुक्त करने का आदेश सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा जिला शिक्षा अधीक्षकों को दिया है। ये अप्रशिक्षित पारा शिक्षक केंद्र द्वारा तय समय सीमा 31 मार्च 2019 तक डीएलएड का प्रशिक्षण प्राप्त नहीं कर सके थे। राज्य परियोजना निदेशक ने यह आदेश केंद्र के उस पत्र के आलोक में दिया है जिसमें केंद्र ने अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए एक और अवसर देने से इन्कार किया है।
उन्होंने यह भी कहा है कि इससे पहले भी 29 अगस्त 2019 को झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने ऐसे पारा शिक्षकों को कार्यमुक्त करने का आदेश दिया था। इस बीच पारा शिक्षकों के अनुरोध पर राज्य सरकार ने केंद्र से अप्रशिक्षित शिक्षकों को एक मौका देते हुए आवश्यक विधिक कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। लेकिन केंद्र ने पूर्व में भी पर्याप्त समय देने का हवाला देते हुए प्रशिक्षण के लिए और मौका देने से इन्कार कर दिया।
ऐसे में उक्त आदेश बरकरार रहेगा। बता दें कि राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान से डीएलएड के प्रशिक्षण के बाद ली गई परीक्षा में लगभग 1200 पारा शिक्षक फेल हो गए, जबकि शेष पारा शिक्षकों को सफल इसलिए घोषित नहीं किया गया क्योंकि इंटरमीडिएट में उनका प्राप्तांक आवश्यक अंक से कम था।
पूरक परीक्षा दे सकेंगे पारा शिक्षक
राज्य परियोजना निदेशक द्वारा जारी पत्र के अनुसार, अप्रशिक्षित पारा शिक्षक एनआइओएस द्वारा डीएलएड कोर्स के लिए पूरक परीक्षा को लेकर पत्र जारी किया जा चुका है। लेकिन यह पूरक परीक्षा लेना रूटीन कार्य है। कार्यमुक्त किए जानेवाले अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों को इस पूरक परीक्षा पास करने के बाद फिर से बहाल करना नीतिगत मामला है।
कोर्ट की शरण में जा सकते हैं पारा शिक्षक
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के नेता संजय दूबे ने कहा है कि मोर्चा पहले राज्य परियोजना निदेशक से ऐसे पारा शिक्षकों को पूरक परीक्षा में शामिल होने का मौका देने का अनुरोध करेगा। यदि यह मौका नहीं मिलेगा तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा।