आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र अंतर्गत जेएमटी के पास वन विभाग की जमीन पर लॉजिस्टिक पार्क बनेगा। यह पार्क औद्योगिक उत्थान के लिए एक वरदान साबित होगा। जो कंपनियां आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र से माल का आयात-निर्यात करती हैं, उनके लिए यह मिल का पत्थर साबित होगा। इसे लेकर उद्योग सचिव के. रविकुमार ने जियाडा की क्षेत्रीय निदेशक नेहा अरोड़ा व उपनिदेशक रंजना मिश्रा के साथ बैठक कर डीपीआर और मास्टर प्लान तैयार करने का निर्देश दिया।
आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की नई-नई कंपनियों के लिए औद्योगिक क्षेत्र जमीन तो उपलब्ध करा रहा है, वहीं आयात-निर्यात के लिए लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना के साथ ही आगामी दिनों झारखंड के मानचित्र पर आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र अलग पहचान के रूप में साबित होगा।
पार्क के लिए वन विभाग की 40 एकड़ जमीन को चिन्हित किया गया है। पार्क के बनने के बाद रेल साइडिंग ऐट इंटीग्रेटेड साइडिंग एट इंटीग्रेटेड लॉजिस्टक की सुविधा भी होगी। पार्क में औद्योगिक क्षेत्र की मुख्य सड़कों से कनेक्टिविटी होगी। इसके साथ ही आदित्यपुर के औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों पर खड़े होनेवाले मालवाहन वाहनों के चलते सर्विस लेन व औद्योगिक क्षेत्र की मुख्य सड़कों पर पार्किंग की समस्या से छुटकारा मिलेगा। पार्क में रेल के साथ सड़क की भी कनेक्टिविटी होगी।
40 एकड़ में बनेगा पहला लॉजिस्टिक पार्क
आदित्यपुर-कांड्रा मुख्य मार्ग तथा रेलवे लाइन से सटे वन विभाग की 40 एकड़ की जमीन पर आदितयपुर क्षेत्र का पहला लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण किया जायेगा। पार्क को 24 घंटे प्रतिबंध मुक्त रेलवे व सड़क मार्ग से कनेक्ट किया जायेगा।
इन सुविधाओं से होगा लैस
कार्गो हैंडलिंग व भंडारण कंटेनर, रेल साइडिंग, ऑटोमोबाइल, लॉजिस्टिक पार्क, लिक्विड टेंड फार्म, हाई मास्ट टॉवर लाइट्स, मेटेरियल हैंडलिंग इक्यूपमेंट्स आदि की सुविधाएं मिलेंगी। आयात-निर्यात होनेवाले माल का जीपीएस के माध्यम से लोकेशन की जानकारी की भी सुविधा रहेगा।
सुरज लॉजिस्टिक का किया निरीक्षण : जियाडा में बैठक के उपरांत उद्योग सचिव ने तिरुलडीह स्थित सुरज लॉजिस्टक कंपनी का निरीक्षण किया। यहां जर्मन की प्लॉस्टिक मशीन को देखा, जिससे प्लास्टिक के सीमेंट बोरा का निर्माण होता है। साथ ही इसके उपयोग के बारे में मंथन किया।