प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर को नोटबंदी का ऐलान किया था। आज इस ऐलान के 5 साल पूरे हो गए हैं। 8 नवंबर 2016 को पीएम मोदी ने देश में नोटबंदी का ऐलान किया था, जिसके बाद आधी रात से 500 और 1000 रुपये के नोट को चलन से बाहर कर दिया था। इस ऐलान के पांच साल बाद भी क्या नोटबंदी से कुछ असर देखने को मिला? नोटबंदी के पांच साल के बाद भी देश में करेंसी नोटों का चलन काफी तेजी से बढ़ता दिख रहा है। करेंसी के साथ-साथ डिजिटल पेमेंट का भी चलन काफी तेजी से हुआ है। गरीब से अमीर लोग अब कैशलेस पेमेंट मोड को तेजी से अपना रहे है। नोटबंदी में 500 और 1000 के पुराने नोटों को बंद कर दिया था और इसके कुछ दिनों बाद ही 500 के नए और 2000 के नोट सरकार द्वारा जारी किया गया था। 500 और 2000 के नोटों के अलावा 200 के नोट भी बाजार में उतारे गए।
नोटबंदी के ऐलान के बाद अफरा-तफरी का था माहौल
पीएम मोदी द्वारा नोटबंदी का ऐलान करने के तुंरत बाद देश में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ था। कई महीनों तक लोग अपने जमा पुंजी को जमा कराने और नए नोट को हासिल करने के लिए बैंक के अंदर और बाहर लंबी कतार लगा कर खड़े रहते थे। नोटबंदी का जब ऐलान हुआ तो यह कहा गया कि, इससे काला धन देश से खत्म हो जाएगा और नकदी का चलन भी कम हो जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ें बताते है कि, नोटबंदी के ऐलान से पहले 4 नवंबर 2016 को कुल नोटों का मूल्य 17.74 लाख करोड़ रुपये था और अब साल 2021 में यहीं मूल्य 29.17 लाख करोड़ रुपये तक पंहुच गई है। इससे यह पता चलता है कि, नोटबंदी के ऐलान के बाद से अब तक नोटों के मूल्य के हिसाब से सर्कुलेशन में करीब 64 फीसदी की बढ़त हुई है।
एक साल की तुलना में 30 अक्टूबर 2020 को सर्कुलेशन में रहने वाले नोटों का मूल्य 26.88 लाख करोड़ रुपये था जिसका पिछले साल में नोटों का सर्कुलेश बढ़कर 8.5 फीसदी हो गया है। पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में करेंसी नोटों के सर्कुलेशन में कापी तेजी देखने को मिली है। बता दें कि, कोरोना काल में डिजिटल ट्रांजैक्शन तेजी से बढ़ा। एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में क्रेडिट-डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस जैसी सभी सुविधाओं का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया।
जानिए क्या हुआ पुराने नोटों का
क्या आप जानते है कि, आखिर आपके पुराने नोटों का हुआ क्या? बता दें कि, RBI ने 30 जून 2017 को एक आकलन जारी किया था जिसमें पुराने 500 और 1000 के नोटों का कूल मूल्य 15.28 लाख करोड़ रुपये था। सूचना के आधिकार के तहत लोगों ने जब सवाल किए तब जवाब में पता चला कि इन नोटों का विघटन कर दिया जाता है। इन नोटों को बाजार में नहीं निकाला जाता हैं और इन नोटों का काट कर अलग सामान बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।