भारी मात्रा में गोला-बारूद व दैनिक उपयोगी समान बरामद।
चक्रधरपुर। पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा और सराईकेला-खरसावां व खुंटी जिला के सीमावर्ती क्षेत्र बारुदा गांव के अतिनक्सल प्रभावित क्षेत्र कोया जंगल में भाकपा माओवादियों औऱ 209 कोबरा बटालियन के जवानों और रिजनल कमिटी सदस्य अमित मुंडा के दस्ते के बीच हुए मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गये हैं। मारे गये नक्सलियों में काली मुंडा व निर्मल की पत्नी रीला एक शामिल हैं। मारे गये माओवादी सदस्य अमित मुंडा के दस्ते के बताये जा रहे हैं। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से एक राइफल, तीन टिफिन बम और सैकड़ों राउंड गोलियों का साथ नक्सलियों के दैनिक उपयोग के काफी सामान बरामद हुए हैं। मुठभेड़ स्थल से बरामद सामानों को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि यहाँ माओवादियों ने कैम्प किया हुआ था। जिस स्थान पर मुठभेड़ हुई है वह स्थल कुचाई थानाक्षेत्र के सुदूर क्षेत्र के कोया जंगल की पहाड़ी पर स्थित है। पोड़ाहाट चक्रधरपुर के एएसपी कपिल चौधरी सुरक्षा बलों के साथ आज दोपहर तीन बजे घटनास्थल पहुँचे और मारे गये नक्सलियों को बरामद किया। एएसपी और सुरक्षा बलों को घटनास्थल तक पहुँचने के लिये चार जगह नदी-नालों को पार करना पड़ा।
कौन है रिजनल कमिटी सदस्य नक्सली अमित मुंडा।
15 लाख ईनामी हार्डकोर नक्सली व रिजनल कमिटी सदस्य अमित मुंडा उर्फ सुखलाल मुंडा ऊर्फ चुक्का मुंडा मुल रुप से खुंटी जिले के तमाड़ थाना क्षेत्र के तमराना गांव का रहने वाला है।जिसपर झारखंड सरकार ने 15 लाख का ईनाम घोषित कर रखा है।वहीं अमित मुंडा व सुरक्षाबलों का वर्ष 2021 के नवंबर माह में भी कोचार में मुडभेड़ हो चुका है।जहां वह बचकर भागने में सफल रहा था।वही सुरक्षाबलों को टोकलो व कुचाई थाना क्षेत्र के बारुदा, झरझरा के आसपास अमित मुंडा के अपने टीम के साथ भम्रणशील होने की पक्की खबर लगी थी।इसी दौरान सुरक्षाबलों ने सोमवार हाट से तीन संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू किया।और अमित मुंडा को घेरने की योजना बनाकर सर्चिग अभियान चलाया।जहां बुधवार की अहले सुबह नक्सलियों का कैप का सही लोकेशन ट्रेस हो गया। कैप में अमिट मुडा़ के अलावा निर्मल और करीब दो दर्जन से अधिक नक्सली कैप किए हुए थे। वहीं सीआरपीएफ कोबरा 209 बटालियन ने कोया जगंल में सर्चिंग के दौरान नक्सलियों के साथ मुड़भेड़ हो गया।जिसमें दो नक्सली को सुरक्षा बलो ने मार गिराया।आज की इस उपलब्धि में सुरक्षाबलो की एक बडी उपलब्धि मानी जा रही हैं।वहीं हर बार की तरह इसबार भी अमित मुंडा सुरक्षाबलो को चकमा देकर जंगल में फरार होने में सफल रहा।
शव को बरामद करने में सुरक्षाबलो ने तीन दिनों तक किया इंतजार।
नक्सली व सुरक्षाबलो में मुड़भेड के बाद नक्सली जगंल पहाड का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे।जबकी सुरक्षाबलो को नक्सलीयों के शव को बरामद करने में सुरक्षाबलो को तीन दिनों तक इंतजार करना पडा।वहीं शुक्रवार को सर्चिंग को दौरान जहां दो नक्सली काली व रीला का शव मिला वहीं एक एसएलआर रायफल तीन टिफिन बम,सैकडों राऊड गोली, दो बाकी टाँकी, रेडियो सेट, दैनिक उपयोगी समान,दवाएं, दर्जनों मोबाइल व करीब एक दर्जन नक्सली पिट्टू बैग व नक्सली वर्दी सुरक्षाबलो ने बरामद किया।वहीं बरामद टिफिन बम को सुरक्षाबलो ने जगल में ही निष्क्रिय कर दिया।वहीं बरामद दोनों शव को भारी सुरक्षा में चक्रधरपुर लाया जायेगा।इस दौरान एसडीपीओ कपील चौधरी करीब 55 किलोमीटर का रास्ता नदी नाले को पार कर अपने जवानों के साथ पहुचे थे।