अब तक 18 हजार भारतीयों की सुरक्षित वापसी
नई दिल्ली
यूक्रेन के पूर्वी भाग में फंसे भारतीय छात्रों को वहां से निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक 18,000 भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से सुरक्षित भारत लाया जा चुका है। बीते 24 घंटो में 15 फ्लाइटें भारत आई हैं। अगले 24 घंटो के लिए 18 फ्लाइटों को यूक्रेन भेजा जाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इनमें 3 फ्लाइट भारतीय वायुसेना C-17की हैं, अन्य कमर्शियल फ्लाइट हैं। इनमें एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइस जेट, गो एयर और गो फर्स्ट की फ्लाइट है।
इस बीच खार्किव और सूमी शहरों में फंसे भारतीय और अन्य देशों के नागरिकों को निकालने के लिए रूस ने एक सौ तीस बसें तैयार की हैं। यह जानकारी रूसी राष्ट्रीय रक्षा नियंत्रण केंद्र के प्रमुख कर्नल-जनरल मिखाइल मिज़िन्त्सेव ने की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करके यूक्रेन के युद्ध प्रभावित क्षेत्रों से भारतीयों की सुरक्षित निकालने की बात कही थी। रूसी राष्ट्रीय रक्षा नियंत्रण केंद्र के प्रमुख ने कहा- आज सुबह 6 बजे से बेलगोरोद क्षेत्र में नेखोटेयेवका और सुद्झा चौकियों से कुल 130 आरामदायक बसें तैयार हैं।
यूक्रेन में फंसे भारतीयों को रेस्क्यू करके 10 मार्च तक भारत सरकार घर वापसी कराएगी। सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया- इसके लिए कुल 80 उड़ानों को लगाया जाएगा। इनकी व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के लिए केंद्र सरकार के 24 मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से कुल 35 फ्लाइट्स आएंगी, इसमें एयर इंडिया की 14, एयर इंडिया एक्सप्रेस की आठ, इंडिगो की सात, स्पाइस जेट की एक, विस्तारा की तीन और भारतीय वायुसेना की दो उड़ानें शामिल हैं। हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से कुल 28 उड़ानें लगाई गई हैं।
ऑपरेशन गंगा के तहत 3726 भारतीयों को लेकर अगले 24 घंटे में 18 फ्लाइट आएंगी। वहीं, एयरफोर्स के तीन और C-17 ग्लोबमास्टर विमान भारतीय छात्रों को लाने के लिए रवाना हुए हैं। यह विमान रोमानिया, हंगरी और पोलैंड पहुंचेंगे। गुरुवार दोपहर रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से 183 भारतीयों को लेकर फ्लाइट मुंबई पहुंची है।
ऑपरेशन गंगा के तहत पहले चार IAF C-17 विमानों ने रोमानिया, हंगरी और पोलैंड में हवाई क्षेत्रों का उपयोग करके भारतीयों को निकाला और 9.7 टन राहत सामग्री की भी पहुंचाई।