कोरोना की दूसरी लहर के समय बेअसर दिखे मंत्रियों पर एक्शन, चरमराई स्वास्थ्य सुविधाएं, सरकार को बदनामी से न बचा पाने वाले कैबिनेट मंत्री बाहर
मोदी कैबिनेट के विस्तार से पहले पुराने मंत्रियों के इस्तीफों की झड़ी लग गई है। आज शाम 6 बजे 43 मंत्री शपथ ले रहे हैं, उससे पहले 12 मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं। मंत्रियों के इस्तीफे के बीच सबसे चौंकाने वाली खबर शाम करीब साढ़े 5 बजे मिली, जब कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के इस्तीफे की खबर आई। दोनों ही मंत्रियों को मोदी सरकार में अहम जिम्मेदारियां मिली हुई थीं। उनके इस्तीफे के पीछे उम्र ज्यादा होने को वजह माना जा रहा है।
इनके अलावा बाकी मंत्रियों के इस्तीफे के पीछे कोरोना और बंगाल चुनाव का असर साफ देखा जा सकता है। कोरोना की दूसरी लहर में हेल्थ सर्विसेस की खराब स्थिति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की छुट्टी करा दी, तो उनके विभाग के राज्यमंत्री अश्विनी चौबे को चलता कर दिया गया। बंगाल में भाजपा की हार का असर भी साफ नजर आया और बंगाल के दो मंत्रियों बाबुल सुप्रियो और देबोश्री चौधरी को भी मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
इस्तीफा देने वाले मंत्रियों की लिस्ट
1. रविशंकर प्रसाद
2. प्रकाश जावड़ेकर
3. थावर चंद गहलोत
4. रमेश पोखरियाल निशंक
5. हर्षवर्धन
6.सदानंद गौड़ा
7. संतोष कुमार गंगवार
8. बाबुल सुप्रियो
9. संजय धोत्रे
10. रत्तन लाल कटारिया
11. प्रताप चंद सारंगी
12. देबोश्री चौधरी
थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया
केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत मंगलवार को ही इस्तीफा दे चुके हैं। उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है। वे मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में मंत्री रहे हैं।
कोरोना से तीन विभागों पर सबसे बड़ा असर
स्वास्थ्य मंत्रालय- दूसरी लहर फेल। दोनों मंत्री हटाए
शिक्षा मंत्रालय – नई शिक्षा नीति का सरकार को उतना श्रेय नहीं मिला। दोनों मंत्री हटाए।
श्रम मंत्रालय- श्रमिकों के पलायन, सुप्रीम कोर्ट की फटकार, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए पोर्टल नहीं बना पाए।
पश्चिम बंगाल में मिली हार का शिकार बने बाबुल और देबोश्री
बाबुल सुप्रियो – मंत्री होकर भी विधायक का चुनाव हारे।
देबोश्री चौधरी- बंगाल चुनाव में असर नहीं छोड़ पाईं।
इस्तीफा देने वाले 9 मंत्री 60 साल से ज्यादा उम्र के
1. रमेश पोखरियाल निशंक: 61 साल
उत्तराखंड के 5वें मुख्यमंत्री रह चुके हैं। हरिद्वार से लोकसभा सांसद। मोदी 2.0 में मानव संसाधन विकास मंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री थे।
2. थावरचंद गहलोत: 73 साल
मध्यप्रदेश के शाजापुर से लोकसभा सदस्य रहे चुके हैं। मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद बने। राज्यसभा में सदन प्रमुख भी रहे। पहली मोदी सरकार में सामाजिक न्याय व सशक्तीकरण मंत्रालय में मंत्री रहे। उन्हें कर्नाटक का गवर्नर बनाया गया है।
3. सदानंद गौड़ा: 68 साल
बेंगलुरु उत्तर से लोकसभा सांसद। मोदी सरकार में रेलवे मंत्रालय, कानून और न्याय मंत्रालय, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय संभाल चुके हैं। वर्तमान में रसायन व उर्वरक मंत्री थे।
4. संतोष गंगवार: 72 साल
उत्तर प्रदेश के बरेली से लोकसभा सांसद। वित्त मंत्रालय और कपड़ा मंत्रालय में राज्य मंत्री रह चुके हैं। मोदी 2.0 की पहली कैबिनेट में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे।
5. संजय धोत्रे: 62 साल
महाराष्ट्र के अकोला से लोकसभा सांसद। मोदी मंत्रिमंडल में शिक्षा राज्य मंत्री, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री और सूचना मंत्रालय में राज्य मंत्री थे।
6. प्रताप सारंगी: 66 साल
2019 में ओडिशा के बालासोर से लोकसभा सांसद बने। सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय के साथ पशुपालन, डेयरी व मछली पालन मंत्रालय के राज्यमंत्री थे।
7. रतन लाल कटारिया- 69 साल
2014 में हरियाणा के अंबाला से लोकसभा सांसद बने। मोदी 2.0 की पहली कैबिनेट में जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री थे।
8. प्रकाश जावडेकर- 70 साल
महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद। मोदी मंत्रिमंडल में संसदीय कार्य मंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री, भारी उद्योग व सार्वजनिक उपक्रम मंत्री, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री और सूचना व प्रसारण मंत्री रहे हैं।
9. रविशंकर प्रसाद- 66 साल
पटना साहिब से लोकसभा सांसद। अटल सरकार के दौरान कोयला मंत्रालय, कानून व न्याय मंत्रालय और सूचना व प्रसारण मंत्रालय का जिम्मा संभाला। मोदी सरकार में संपर्क व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, कानून व न्याय मंत्री, इलेक्ट्रॉनिकी व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री और संचार मंत्री रहे।