Adityapur,22 May: आदित्यपुर 2 स्थित 111 सेव लाइफ अस्पताल के विरुद्ध शिकायतों पर प्रशासनिक जांच की समय सीमा पूरी होने के बाद सभी की निगाह प्रशासन के अगले कदम पर टिकी है. अस्पताल के प्रबंधक डॉ ओपी आनंद के खिलाफ आरआईटी थाने में गंभीर गैर जमानती धाराओं में दर्ज FIR पर भी कार्रवाई का इंतज़ार हो रहा है. अस्पताल संचालक ने जिस तरह राज्य सरकार के नियमों को नही मानने और स्वास्थ्य मंत्री समेत स्वास्थ्य विभाग के प्रति अपशब्दों के प्रयोग करने का दुस्साहस किया उसके बाद व्यवस्था और रूल ऑफ लॉ बहाल रखने के लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई की लोग पहले से उत्सुकतावश प्रतीक्षा कर रहे हैं, अलबत्ता अभी तक कोई कार्रवाई नही होने पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है कि कोई व्यक्ति या संस्थान सरकार और मंत्री की इस तरह सार्वजनिक रूप से नाफरमानी करते हुए भी इतने दिन बच सकता है। आज एक बार फिर गम्हरिया प्रखंड के एक पदाधिकारी 111 सेव लाइफ अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों को एक नोटिस दिया. हलांकि इस नोटिस के संबंध में उन्होंने कुछ भी नहीं बताया. इस बीच अस्पताल में इलाजरत मरीजों के परिजन अपने- अपने मरीजों को अन्यत्र ले जाते नजर आए. फिलवक्त अस्पताल में एक भी मरीज नहीं है. बीते दो दिनों से डॉक्टर ओपी आनंद कहीं नजर नहीं आ रहे. गुरुवार और शुक्रवार को जिले के उपायुक्त द्वारा गठित 8 सदस्यीय जांच टीम के समक्ष भी पेश नहीं हुए थे.संभावना है कि अस्पताल में कोविड मरीजों के रहने के कारण सरकार इंतज़ार कर रही हो लेकिन अब जबकि सभी मरीज़ जा चुके हैं, लोग उक्त सवाल पर चर्चा करने लगे हैं क्या अस्पताल संचालक सचमुच इतने ताक़तवर हैं जैसा उन्होंने दावा किया था और कानून नहीं मानते हुए अपशब्द बके थे। इस विवाद की कमजोर या मजबूत कड़ी के बारे में लोग जानना चाहते हैं। कांग्रेस परिवार की एकजुटता और राजनीतिक गठजोड़ की जो भी हालत हो लेकिन इस घटना ने सिस्टम और मंत्री पद की गरिमा को गहरी चोट पहुंचाई है। आर आई टी थाना में प्रभारी सिविल सर्जन द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर IPC की धाराएं 188/341/323/353/504/506 बहुत कुछ कह देती हैं जिनके लिए डॉ आनंद का वीडियो ही पर्याप्त साक्ष्य बन सकता है। कहीं सरकार उक्त डॉक्टर के वीडियो की FSL जांच का तो अब इंतज़ार नहीं करेगी जो टाइम टेकिंग होती है।