झारखण्ड में होटल व्यापार को अब तक संचालन की अनुमति नहीं देने से हो रही कठिनाइयों के कारण होटल व्यवसायी JHRA के बैनर तले शांतिपूर्ण ढंग से कैंडल प्रज्वलित कर अपनी माँग सरकार के सामने रखने का काम किया।
रोटी- रोज़ी – रोजग़ार की विकट समस्या से निपटने और अपने यहाँ कार्यरत कामगार को मासिक वेतन अब उनकी दे पाने की नगदी का अभाव हो गया है।
सरकार से माँग करते है कि अविलम्ब होटेल को संचालन की अनुमति प्रदान करें। कई आवश्यक सेवाओं के दैनिक निष्पादन हेतु – जैसे स्वास्थ्य, मेडिकल, आदि में लोग एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं आ जा पा रहे हैं।
कई व्यावसायिक और उद्योग जगत में भी आवश्यक सेवाओं से जुड़े कार्य आवागमन की संचालन नहीं होने के कारण बंद पड़े है। इस से सरकार को भी चारों और से राजस्व की क्षति हो रही है।
कोविद -१९ अन्लॉक की प्रक्रिया पूरे देश में शुरू हो चुकी है।पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार और MHA के शर्तों के अनुरूप झारखण्ड के समस्त ज़िलों में होटलों को खोलने की अनुमति दी जानी चाहिये।
कई कामगार भुखमरी के कगार पर आ चुके हैं। उनमे आत्महत्या की प्रवृति भी बढ़ती जा रही है। जमशेदपुर में २५० के लगभग होटल हैं और प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से डेढ़ लाख लोग इस इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं। सबके सामने आर्थिक संकट विकराल है।
ऐसी परिस्थिति में , हम सरकार से आग्रह करते हैं कि होटलों को भी झारखंड के प्रत्येक ज़िलों में जल्द से जल्द संचालन की अनुमति प्रदान की जाय।
आज के इस कार्यक्रम में पूर्व अध्यक्ष प्रभाकर सिंह, अनिल खेमका, रॉनल्ड डेकिस्ता, स्वाति, स्मिता पारिख, बालाजी पटेल, संजय सिंह, विनु टौंक, रविश रंजन, राजेश बेरी ,योगेश दवे एवं सभी होटलों के क़रीब ३०० कर्मचारी गण आदि उपस्थित थे।