सत्ता के करीबी भी जांच के घेरे में
निलंबित थाना प्रभारी के खिलाफ विभागीय जांच शुरु
एसआईटी करेगी जांच
जमशेदपुर 3 मई संवाददाता :- लॉक डाउन के दौरान होटल अलकोर में देहव्यापार प्रकरण के मामले में सीडीआर की रिपोर्ट एवं फुटेज में कई अन्य रंगीन मिजाज कारोबारियों और दलालों के चेहरे सामने आने की खबर से शहर के व्यापारियों और कारोबारियों में तरह-तरह की चर्चाएं फैली हुई हैं। सूत्रों के अनुसार अभी कई लोगों के नाम आने बाकी हैं। कोई गुप्ता उर्फ बाबाजी हैं,बिल्ला, महाजन,बाबा के एक समधी हैं जो अपने को झामुमो के नेता भी बताते हैं। एक मित्तल साहब भी हैं जो सत्ता के बेहद करीब हैं। शरद पोद्दार और अन्य लोग के पकड़ में आने के बाद अब ऐसे लोगों की पोल खुलने की चिंता उन्हें कोरोना से ज्यादा खाये जा रही है।
निलंबित पुलिस निरीक्षक राजेश कुमार सिन्हा के खिलाफ विभागीय जांच शुरु कर दी गयी है.हलांकि अधिकारी तौर पर पूरे मामले मेें कोई पदाधिकारी खुलकर नहीं कह रहा है. यह भी बात समाने आ रही है पूरे मामले पर इनकम टैक्स ,ईडी के द्वारा संज्ञान लेने की बात सामने आ रही है क्योंकि 10 रुपये के सीरियल नंबर पर कैश लेनदेने से मनी लॉंड्रिंग होने की बात खुद युवती ने अपने वयान में दर्ज कराई है। शरद पोद्दार सरीखे लोग पहले भी आयकर की छापामारी और जांच में सामने आ चुके हैं। आयकर अनुसंधान विभाग द्वारा विगत वर्ष उसके यहां बड़े पैमाने पर जांच की गयी थी जिसमें कई सनसनीखेज खुलासे सामने आये थे। बेमानी और धोधाधड़ी से संपत्ति उपार्ज$न का मामला भी आयकर विभाग की फाइल में दबा हुआ है। शरद पोद्दार ड्रायवर और अन्य कर्मचारी केनाम पर करोड़ों का कारोबार चलाता था।मनी लॉंड्रिंग होनेके कारण इडी कभी भी हाथ डाल सकता है। इसकी एक प्रक्रिया होती है जिसके लिये पुलिस को उच्च स्तर पर औपचारिकतायें पूरी करानी होती है। पुलिस प्रशासन में हुए हालिया फेर बदल से यह मामला कितनी रफ्तार पकड़ता है, उसपर सबकी निगाहें हैं।
मिली जानकारी के अनुसार इस मामले की जांच के लिये एस आई टी टीम का गठन करने की तैयारी चल रही है.पूरे प्रकरण को लेकर सीसीटीवी फुटेज व तीन जब्त डी बी आर की जांच की जा रही है लॉक डाउन में होटल में किनका किनका आना जाना था उसकी पहचान कर पूछताछ का कार्य चल रहा है. थाना प्रभारी ने हलांकि ऐसी किसी पूछताछ की बात से इनकार किया है.
होटल अल्कोर के मालिक राजीव दुग्गल ने होटल में चल रहे देहव्यापार का धंधे से साफ इकांर किया है उनका कहना था कि उनको यह सूचना नहीं थी कि होटल में देह व्यापार का धंधा स्पा के माध्यम से संचालित हो रहा था एक गहरी साजिश के तहत उन्हे फंसाया गया है. लेकिन पुलिस को यह बात गले नहीं उतरती कि इतना बड़ा प्रतिष्ठान एक महिला गेस्ट के लिये इतने दिनों से चल रहा हो और उसके खर्च या व्यवस्था की जानकारी उच्च प्रबंधन को ना हो। मामले में गिरफतार कर 9 हाई प्रोफ ाईल लोगों को लॉक डाउन खत्म होने तक घाघीडीह सेन्ट्रल जेल में रहना होगा उनको जमानत मिलने का कम आसार हैं. लॉक डाउन तक अदालत की कार्रवाई स्थगित है.जिले में आन लाईन अर्जी नहीं ली जा रही है.ऐसे में 17 मई तक उनके जेल से बाहर आने की संभावना कम बताया जाता है.
मालूम हो कि बिस्टुपुर स्थित होटल अलकोर में देह व्यापार के मामले में पुलिस ने 9 व्यापारियों और होटल के मालिक राजीव दुग्गल समेत राहुल पोद्दर,राहुल अग्रवाल,रजत,राजू भालोटिया,महिला,दीपक अग्रवाल,लड्डु मंगोतियां को जेल भेजा है जिनके खिलाफ दो मामले थाना में दर्ज किये गये है एक मजिस्टे्रट सुरज कुमार के बयान पर तो दूसरा सीसीआर डीएसपी अरविन्द कुमार के बयान पर दर्ज किया गया है. 25 अप्रैल को मजिस्टे्रट की निगरानी में थाना प्रभारी ने छापामारी की थी जिसमें लडु मगोतिया,राहुल पोदर ,रजत को गिरफ्तार किया गया था जिन्हे थाना से लॉक डाउन का उल्लंघन का मामला दर्ज कर छोड़ दिया गया था दूसरे दिन मामले के तूल तुल पकडऩे के बाद डीएसपी के बयान पर देह व्यापार का मामला दर्ज कर सभी को जेल भेजा गया .पुलिस सीसीटीवी फुटेज,काल डिटले ,सीडीआर की जांच की जिसमें सर्किट हाउस के रहने वाले कुछ के आने जाने की तस्वीर मिली।