*
*रांची:* हेमंत सरकार में पारा शिक्षकों के अच्छे दिन आने वाले है। खबर है की नयी शिक्षा मंत्री के इंतज़ार की औपचारिकता भर रह गयी है, जिसके बाद विभागीय मंत्री से विमर्श कर पारा शिक्षकों को बकाया मानदेय देने का रास्ता साफ़ हो जायेगा। पारा शिक्षकों का मानदेय गत वर्ष के अप्रैल से बाकी है। इस बीच पारा शिक्षकों ने बकाए मानदेय व सेवा जारी रखने को लिए कई चरणों में आंदालेन किया था। नई सरकार का फैसला भी इस ओर इशारा करता है जिसमे मुख्यमंत्री ने कहा था कि जिन अनुबंधकर्मियों के बकाए हैं, उसे क्लियर कर दिया जाए।
*रघुवर सरकार का ड्राफ्ट बदलेगा-*
हेमंत सरकार पूर्व की रघुवर सरकार के समय बनाई गई पारा शिक्षक नियोजन एवं सेवा शर्त नियमावली का ड्राफ्ट बदलेगी। उसमें कई नई चीजें शामिल की जाएंगी। पूर्व के ड्राफ्ट में वेतनमान के समतुल्य मानदेय देने की बात कही गई थी, पर मानदेय शब्द हटाया जा रहा है। गौरतलब है कि पूर्व के ड्राफ्ट में कतिपय जगहों पर वेतनमान शब्द का उल्लेख था, पर उसके साथ यह भी कहा गया था कि वेतनमान के समतुल्य मानदेय दिया जाएगा। पारा शिक्षकों ने आपत्ति की थी कि जब वेतनमान देना है, तो समतुल्य मानदेय का उल्लेख क्याें किया जा रहा है। इसका अर्थ है कि सरकार का इरादा सही नहीं है। वह पारा शिक्षकों को वेतनमान नहीं देना चाहती। शब्दों के खेल में उलझा कर वह पारा शिक्षकों को स्थाई भी नहीं करना चाहती। झारखंड शिक्षा परियोजना ने इस बिंदु पर पारा शिक्षकों की आपत्ति मान ली है।