हेमंत सरकार की शिथिलता और निद्रा भंग करने को भाजपा नेताओं ने रखा उपवास

● दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों, विद्यार्थियों, मरीजों को सरकारी सुविधा दिलाने की माँग पर रखा गया उपवास

देश के अलग अलग राज्यों में लॉकडाउन के मध्य फँसे श्रमिकों, विद्यार्थियों, मरीजों के अलावे बड़ी तादाद में झारखंड के निवासी सरकारी मदद से वंचित हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के आवाह्न पर भाजपा के सांसदों, विधायकों, प्रदेश एवं जिला स्तरीय नेताओं ने एकदिवसीय उपवास रखा। सांकेतिक उपवास रखकर भाजपाईयों ने राज्य सरकार की शिथिल रवैये और कुम्भकर्णी निद्रा भंग करते हुए ध्यान खींचने का प्रयास किया। भाजपा नेताओं ने सुबह दस से लेकर शाम चार बजे तक अपने घरों में उपवास रखा। जमशेदपुर में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, सांसद विद्युत वरण महतो, जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार, प्रदेश प्रवक्ता राजेश शुक्ला, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी, पूर्व विधायक मेनका सरदार, जिला पार्षद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह, वही लॉकडाउन में दिल्ली में फंसे भाजपा नेता अभय सिंह ने भी उपवास रखा। उपवास पर बैठे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि अपने लोग जो बाहर फँसे हुए हैं उनके प्रति झारखंड सरकार संवेदनशून्य है। कोरोना महामारी को लेकर झारखंड सरकार पूरी तरह शिथिल है। प्रवासी मजदूर, कामगार, छात्रों और जो राज्य से बाहर फंसे हैं, उनकी सुध नहीं ली जा रही है। इसके विरोध में आज मैं पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास जमशेदपुर स्थित आवास पर उपवास पर थे , ताकि राज्य सरकार की नींद टूटे और लोगों तक सुविधा पहुंचे। उन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री को सलाह दिया कि आपदा के समय राजनीति से परहेज़ करना चाहिए। अपने लोगों की चिंता और मदद कैसे करनी है यह यूपी के सीएम से सीखने की ज़रूरत है। जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि हेमंत सरकार का रवैया लापरवाह है। सरकार की संवेदनाएं केवल घोषणा और अखबारों तक ही सीमित है। मदद के लिए जो एप्लीकेशन राज्य सरकार ने आनन फानन में बनवाया है उसमें तकनीकी खामियां है जिससे लोगों तक मदद नहीं पहुंच पा रही है। भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार ने कहा कि सरकार राजनीति से प्रेरित होकर काम कर रही है और विपक्ष के सकारात्मक सुझावों की भी अनदेखी की जा रही है।

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