नई दिल्ली: बगदादी के नए उत्तराधिकारी अब्दुल्ला कारदास भारत के लिए भी खासा सरदर्द शामिल हो सकता है क्योंकि उसकी नजदीकियां पाक के नापाक सिपाहियों से भी है. इसमें हाफिज सईद का नाम प्रमुख है. कारदास ने अगस्त महीने मे अपनी कमान संभालने के फौरन बाद अपने खास लोगो को संदेश दिया था कि वो दुनियाभर के लोगों को आईएस के कारवां मे शामिल कराने के लिए हरसंभव प्रयास करे. उसके आदेश का ही असर था कि कारंवा मे शामिल होने का संदेश कश्मीर भी आया था और हाफिज सईद ने भी इस्लामिक देशों से अपील की थी.
अब्दुल्ला कारदास को अपने जीते जी बगदादी ने अपना वारिस बनाया था. अब बगदादी के मरने के बाद उसे आईएस का अंतरिम प्रमुख बनाया गया है. अब्दुल्ला कारदास पहले इराक के तानाशाह सद्दाम की फौज में अधिकारी था. कारदास और बगदादी एक साथ साल 2003-04 मे जेल में भी रहे थे और वहीं दोनों की नजदीकियां भी बढी थीं. कारदास को उसके काले कारनामो की वजह से प्रोफेसर और डिस्ट्रॉयर के नाम से भी जाना जाता था. जानकारों का मानना है कि बगदादी ने अलकायदा में धर्मगुरू और जज के पद पर रहने के दौरान सरिया कानून की खिलाफत करने वालो को खौफनाक मौतें दी थीं. कारदास ठहाके लगाता था.