मुंबई/दिल्ली ,18 नवंबर (ईएमएस) : राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच सोमवार को हुई मुलाकात के बाद भी महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई। बैठक के बाद शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के सियासी हालात पर सोनिया से चर्चा हुई, सरकार गठन को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है। अब दोनों पार्टियों के नेता बातचीत कर आगे का रास्ता निकालेंगे। बैठक से पहले ही सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया था कि सरकार गठन में अभी कुछ दिन का वक्त और लग सकता है।
महाराष्ट्र में किसी भी दल द्वारा सरकार न बना पाने की स्थिति को देखते हुए 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद के मुद्दे को लेकर भाजपा और शिवसेना का गठबंधन टूट गया था। इसके बाद नए सियासी समीकरण बने हैं। इसमें शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा के साथ आ रही है।
आठवले का फॉर्मूला- 3 साल भाजपा और 2 साल शिवसेना का सीएम
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने दावा किया कि समझौते के फॉर्मूले पर शिवसेना से चर्चा हुई है। आठवले ने कहा कि मैंने शिवसेना नेता संजय राउत को 3 साल भाजपा और 2 साल शिवसेना के मुख्यमंत्री का सुझाव दिया है। राउत ने कहा कि भाजपा अगर इस पर राजी है तो हम विचार करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब मैं इस संबंध में भाजपा से बात करूंगा।
शिवसेना-भाजपा अपना रास्ता चुन लें- पवार
सोनिया गांधी से मुलाकात से पहले राकांपा अध्यक्ष पवार ने कहा था कि भाजपा और शिवसेना साथ मिलकर लड़े, उन दोनों को अपना रास्ता चुनना होगा और हम लोग (राकांपा-कांग्रेस) अपनी राजनीति करेंगे। महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा करने वाले हर दल को अपना रास्ता चुनना होगा।
सोनिया-पवार की मुलाकात रविवार को टाली गई थी
सोनिया-पवार की बैठक रविवार को तय थी, लेकिन न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय नहीं होने पर मुलाकात टाल दी गई थी। राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने बताया कि सोनिया गांधी और शरद पवार की मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में सरकार गठन की स्थिति साफ हो जाएगी। इसके बाद मंगलवार को राकांपा और कांग्रेस के नेता चर्चा करेंगे।
सरकार का स्वरूप ऐसा होगा
सूत्रों की मानें तो तीनों दलों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार हो गया है। इसके अनुसार मुख्यमंत्री पद शिवसेना के पास ही रहेगा, जिस पर राकांपा और कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं है। इसके एवज में राकांपा को गृह विभाग और कांग्रेस को राजस्व विभाग देने पर सहमति बन गई है। कांग्रेस और राकांपा को डिप्टी सीएम पद भी मिलेंगे।