नई दिल्ली,30 सितंबर (: सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगे के दौरान दुष्कर्म का शिकार हुई बिलकिस बानो के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह पीडि़ता को 50 लाख रु. मुआवजा, नौकरी और आवास उपलब्ध कराए। अदालत ने इसके लिए सरकार को दो हफ्ते की मोहलत दी है। वहीं, राज्य सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि तय समय पर इस आदेश पर अमल कर लिया जाएगा।
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने 23 अप्रैल को यही फैसला सुनाया था। लेकिन बिलकिस को सरकार की ओर से मुआवजे की रकम, नौकरी और आवास नहीं मिला। इसके बाद पीडि़ता ने दोबारा शीर्ष अदालत से गुहार लगाई। अब कोर्ट ने राज्य सरकार को सख्त हिदायत देते हुए दो हफ्ते में आदेश पर अमल करने की बात कही है।
17 साल पहले हुई थी घटना
मार्च, 2002 में गोधरा दंगों के वक्त अहमदाबाद के रंधिकपुर में 17 लोगों ने बिलकिस के परिवार पर हमला किया था। इस दौरान परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी। बिलकिस के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इस मामले में निचली अदालत ने जनवरी 2008 में 12 दोषियों को हत्या और सामुहिक दुष्कर्म का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मई 2019 में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था।