रांची,1 मार्च (ईएमएस) : ‘कृपया इस मामले पर गौर करें और इसे जल्द से जल्द हल करें। हमारी सवोच्र्च प्राथमिकता कि कोई भी पीछे न रहे, यह सुनिश्चित करना है। पीडीएस और राशनकार्डों के बारे में बहुत-सी विसंगतियां हैं और इन्हें दूर करने के लिए विशेष उपाय करें।’ 26 फरवरी का यह ट्वीट है झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का, जिसका तुरंत लाभ सिरका पंचायत के हजार से ज्यादा लोगों को मिला।
मुख्यमंत्री ने यह ट्वीट एक सामाजिक कार्यकर्ता के उस ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए किया था। सामाजिक कार्यकर्ता ने ट्वीट कर शिकायत की थी, ‘झारखंड की बदहाल जनता ट्विटर पर शिकायत करने में असमर्थ हैं। राशनकार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन वर्ष 2017 में किए लोगों को अब तक राशनकार्ड जारी नहीं किया गया है। मैंने ट्वीट कर मौजूदा सरकार एवं रामगढ़ उपायुक्त को बताया, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।’
मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद तुरंत हुई कार्रवाई
मुख्यमंत्री के री-ट्वीट के बाद रामगढ़ के उपायुक्त ने ट्वीट कर जवाब दिया, ‘रामगढ़ जिले में राशन कार्ड के योग्य छूटे हुए लाभकों को चिन्हित कर 1530 नए कार्ड स्वीकृत व 1850 नए सदस्य जोड़े गए हैं। आवेदित सिरका पंचायत में 131 आवेदन प्रखंड से जिला में स्वीकृति के लिए प्राप्त हैं। सभी योग्य को दो दिनों में कार्ड जारी हो जाएंगे।’ रामगढ़ के उपायुक्त संदीप कुमार ङ्क्षसह कहते हैं कि प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को ऐसे लोगों को राशनकार्ड उपलब्ध करने के निदेर्श दिए गए हैं, जो छूट गए हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत ने इन दिनों ट्विटर को शासन करने का साधन बना दिया है। 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद से उन्होंने अधिकारियों को सतर्क रखते हुए शासन से संबंधित कई ट्वीट किए हैं। लोग अब मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल नियमित रूप से शिकायतों को आगे बढ़ाने के लिए टैग कर रहे हैं।
निर्देश देने के बाद मांगते हैं जवाब
सोरेन ऐसे अधिकारियों को निर्देश देने के बाद जवाब देने का भी निर्देश देते हैं। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री इस पर अपनी नजर भी रखते हैं। इसके अलावा, ऐसा ही मामला रामगढ़ जिले के मांडु थाना के बरिसम गांव निवासी बुजुर्ग रतनी देवी का भी मुख्यमंत्री के सामने लाया गया था। रतनी की ओर से गांव के ही विनोद सोरेन ने एक आवेदनपत्र के साथ ट्वीट कर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए ट्वीट कर लिखा, ‘विधवा पेंशन एवं आवास नहीं मिलने के संबंध में। इतने साल बीत जाने के बाद भी रतनी देवी को अभी तक कोई सरकारी सुविधा नहीं मिला न कोई सरकारी अफसर कभी गांव में हाल जानने के लिए आया। झारखंड के मुख्यमंत्री से निवेदन है कि इस मामले पर संज्ञान ले।’
मुख्यमंत्री सोरेन ने तत्काल ट्विटर पर ही रामगढ़ के उपायुक्त को निदेर्श देते हुए कहा, ‘कृपया उचित कार्रवाई कर रतनी देवी जी की मदद कर सूचित करें।’ रामगढ़ के उपायुक्त के ट्विटर हैंडल पर उपायुक्त ने जवाब दिया, ‘रतनी देवी के आवेदन की जांच की गई। इनको पेंशन कल स्वीकृत हो जाएगी। गत 45 दिनों में रामगढ़ जिले में पेंशन सत्यापन अभियान चलाकर 536 नई पेंशन स्वीकृत की गई हैं। इस माह में 2000 पूर्व प्राप्त आवेदनों को स्वीकृत करने की कार्रवाई अभियान चलाकर की जा रही है।