सरयू अभय के बीच ट्वीट युद्ध जारी, जमीन कब्जा को लेकर एक दूसरे पर वार

जमशेदपुर, 24 अगस्त (रिपोर्टर) : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय तथा झाविमो से भाजपा में आये अभय सिंह के बीच ‘ट्वीटर युद्ध’ जारी है. आज भी दोनों ओर से शब्दों के वाण चले. सोमवार को श्री राय ने सुबह 9.31 बजे एक ट्वीट किया, जिसमें बिना किसी का नाम लिये इशारों ही इशारों में उन्होंने इतिहास का उल्लेख किया. इसकी भनक लगते ही अभय ने भी 11.31 बजे व्हाट्सएप्प पर अपना संदेश जारी किया, जिसे फेसबुक पर उन्होंने पोस्ट किया था. उसके बाद उन्होंने भी अपराह्न 3.11 बजे ट्वीटर पर अपना संदेश पोस्ट किया.
सरयू ने ट्वीटर पर किये गये पोस्ट को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग करते हुए डिमना लेक के गेरुआ स्थित जमीन का उल्लेख किया है. लिखा है कि डिमना लेक, गेरुआ की 70-80 एकड़ आदिवासी जमीन पर शक्ति ग्वाला का कब्जा था. जमशेदपुर से एक ‘प्याराÓ आये, शक्ति पर ‘धुरंधरÓ सख्ती खी, हाथ-पैर तोड़ दिया, जमीन छीन ली. भयभीत ग्रामीण प्रतीक्षा में हैं कि प्रशासन ‘अभयÓ दान दे, जमीन पर से खानदान का कब्जा हटाये. दूसरी ओर अभय ने भी ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित भाजपा के कई केन्द्रीय मंत्री, पार्टी के पदाधिकारी, सांसद, विधायक व जिला व कोल्हान के कई पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारियों को टैग करते हुए पारडीह काली मंदिर से भिलाई पहाड़ी तथा गेरुवा से लेकर पटमदा तक एसआईटी से जांच कराने का आग्रह किया है. मजेदार बात है कि उन्होंने इस ट्वीट में सरयू राय को भी टैग किया है. लिखा है कि उक्त जांच कराने से न केवल बहुत बड़े भंडाफोड़ का उजागर होगा, बल्कि एक बहुत बड़े राजनेता के 15 वर्षों के कालखंड के संरक्षण का पता चलेगा. अभय सिंह ने बिरसानगर के प्रकाश यादव हत्याकांड का उल्लेख करते हुए कहा है कि अपराधी, अपराधी होता है, आपका मेरा नहीं. युगांतर भारती के कार्यालय का जिक्र करते हुए कहा है कि इसी बात को उठाने पर विधायक ने आपा खो दिया. मानगो गोकुलनगर में विधायक के करीबी द्वारा आदिवासी जमीन की प्लॉटिंग करने का भी आरोप लगाया.

अब ट्वीट-ट्वीट का खेल बंद कीजिए!
इसके जवाब में अभय सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सरयू राय को संबोधन करते हुए लिखा है कि आज उन्होंने ट्वीटर में लिखा और आरोप लगाया 80 एकड़ जमीन अभय सिंह के पुरखो ने गलत ढंग से गेरुवा में कब्जा किया. वे नहीं चाहते कि कोई जनप्रतिनिधि के खिलाफ लीगल (कानूनी कदम) में जाऊं. जब उन्होंने एसआईटी से जांच की मांग कर दी है तो ये ट्वीटर ट्वीटर खेल नही खेलना चाहिए. वे चाहें तो उक्त जमीन के विषय में उपायुक्त को लिखित दे सकते हैं. उन्हें अधिकार है कि किसी भी अवैध ढंग से प्राप्त जमीन या सम्पति की जांच करवाएं. अभय सिंह ने तंज किया कि सरयु राय जी आप एक विश्वविख्यात विद्वान हैं और सबको नकेल कसनेवाले जाने जाते है मैं सही में महामूर्ख हूँ और जैसा आप के आध्यात्मिक ज्ञान द्वारा प्राप्त हुआ. पर आप जब विद्वान और समझदार हंै तो सहनशीलता का परिचय देना चाहिये. यह नही भुलें कि आप एक जन प्रतिनिधि हैं.

प्रबुद्ध लोगों में तीखी प्रतिक्रिया

इस तरह की बयानबाजियों पर आम लोगों में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है. अभिभावक संघ के डा. उमेश कुमार ने कहा कि दो दिग्गजों की बातों का स्तर नीचले पायदान पर जा चुका है, जो समाजहित में नहीं है. विद्यापतिनगर सुधीर कुमार ने कहा कि राजनीति का स्तर गिरता जा रहा है. डीआईजी कार्यालय के प्रबुद्ध विधि सलाहकार जयप्रकाश ने कहा कि ऐसी टिप्पणियों और बातों से समाज का भला नहीं होनेवाला. कार्रवाइयां कागजों पर होती है, जनहित के मुद्दों पर न किसी को आपा खोना चाहिये और न ही किसी के आपा खोने पर उसके साथ तू-तू मैं-मैं उलझना चाहिये. जनप्रतिनिधि समाज का प्रतिविम्ब होता है. समाजहित में वह अगर कोई मुद्दा उठाता है तो संयम से उसका सामना करना चाहिये.

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