रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में मंत्रिमंडल बंटवारा पर निर्णय में भले ही कुछ वक्त बाकी हो, दलों के दावे सामने आने लगे हैं। सबसे पहला दावा राजद ने किया है और दावा ग्रामीण विकास विभाग के अलावा जल संसाधन विभाग को लेकर था। ग्रामीण विकास विभाग बड़े बजट का है और इसे राजद को न देकर जल संसाधन विभाग के लिए लोग राजी हो गए हैं। राजद कोटे से मंत्री बने सत्यानंद भोक्ता को यह विभाग दिए जाने पर किसी को आपत्ति भी नहीं होगी।
इसके साथ ही, कांग्रेस नेता आलमगीर आलम को ग्रामीण विकास विभाग दिए जाने का रास्ता साफ हो गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव को वित्त एवं राजस्व विभाग अथवा स्वास्थ्य देने की बात की जा रही है।
कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल का विस्तार 21 जनवरी को हो सकता है और इसी दिन विभागों के बंटवारे पर भी मुहर लग जाएगी। निर्माण कार्यों से जुड़े दो बड़े विभाग कांग्रेस और झामुमो आपस में बांटकर सत्ता चलाएंगे।
झामुमो के पास सड़क निर्माण रहने की बात कही जा रही है, तो कांग्रेस के पास भवन निर्माण एवं आवास विभाग। पिछली सरकार में यह विभाग मुख्यमंत्री के तौर पर हेमंत सोरेन के पास ही था। गृह, कार्मिक, ऊर्जा, उद्योग, वाणिज्यकर आदि विभाग झामुमो के पास होगा। झामुमो कोटे से मंत्रियों के बीच विभागों के अलावा अधिसंख्य महत्वपूर्ण विभाग मुख्यमंत्री के पास ही होंगे। सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल को लेकर तमाम उलझनों को सुलझा लिया गया है और 21 जनवरी तक इसे मूर्त रूप दे दिया जाएगा।
पिछली बार 14 विधायकों के साथ कांग्रेस के पांच मंत्रियों को कैबिनेट में जगह मिली थी और इस बार कांग्रेस के विधायक अधिक हैं, सो मंत्रियों की संख्या को लेकर कांग्रेस में किसी प्रकार का भ्रम नहीं है। पूर्व में कांग्रेस के पास रहे सभी विभाग भी एक बार कांग्रेस को मिल सकते हैं। कुछ विभागों को लेकर जिच बनी हुई है, लेकिन कांग्रेस इस बात पर झमेले की नौबत नहीं आने देना चाहती है। दूसरी ओर, झामुमो अपने हिस्से के मंत्रियों के बीच विभाग बंटवारे को फाइनल करने में जुटा है। तैयारियां दुरुस्त रहीं, तो 21 जनवरी अथवा इसके अगले दिन मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा।