चांडिल:२५ अक्टूबर संवाददाता :- ईचागढ़ के विस्थापित गांवों में डैम का पानी घुसा विस्थापितों में दहशत तमाम दावे खोखले साबित। ईचागढ़ से होकर दर्जनों विस्थापित गांवों जाने का मुख्य मार्ग जल मग्न होने से विस्थापित क्षेत्र में रहने वाले लोग जान हथेली पर रखकर आना जाना कर रहे हैं। ईचाग? के स्कूल तक डेम का जल स्तर पहुँच जाने से स्कूल को बंद कर दिया गया है। ईचागढ़ से तामारी, पोरांडिह, बाकोलतोडिया, डियाडीह,खोकरो, सहित डूब क्षेत्रों में स्थित गांव में जाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग रात्रि में जागरण कर रहे है कि पता नहीं कब घरों से नोनिहलो को लेकर पलायन करना पड़ेगा। विस्थापित का दर्द शब्दों में बयां करना मुश्किल है। विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण बीते तीन माह से राजनीतिक दलों के नेतागण ताल ठोकर सभाओं में विस्थापितों को भरोसा दिलाते रहे की विस्थापित गांवों में एक इंच पानी नहीं घुसेगा।आश्वासन तो आश्वासन है जिसका जुमले की तरह उपयोग होता आया है और भरी सभाओं में ताली बजवाते है मगर आजतक आश्वासन के 38 वर्ष लगभग बीतने को है। फिर विस्थापित विशेष पैकेज की बाट जोह रहे है की कब आयेगी वो दीवाली जब विस्थापित घरों में सही मायने में दीवाली मनाएंगे । क्या पीढ़ी दर पीढ़ी ऐसा ही चलता रहेगा और राजनीतिक बाज अपना भविष्य सुरक्षित करते रहेंगे। फिर वही चुनाव फिर लोक लुभावने नारो के बीच विस्थापितों को आश्वासन देगे ओर फिर छल प्रपंच से सत्ता के गलियारों में सुनहरे 5 वर्ष की मुहर लगवाएंगे ।विस्थापित पशुपति बागची ने बताया कि ईचागढ़ के विस्थापितों की आवाज लोक लुभावने वादे के बीच दब गई है। फिर विस्थापितों की स्थिति आसमान से गिरे और खजूर में लटके वाली ही रहेगी। चांडिल विगत 48 घंटे की झमा झम बारिश से डैम का जलस्तर लगातार बढऩे से विस्थापित गावों में अफरा तफरी का माहौल। विगत रात्रि डैम का जलस्तर 181.20 था और 6 रेडियल गेट आधा मीटर खोले गए थे ।जाने दिनभर के डैम जलस्तर — 25.10.19. को सुबह –
6 बजे-181.25. मीटर
7बजे-181.30 मीटर
8बजे.- 181.40. मीटर
10 बजे — 181.45. मीटर
दोपहर/शाम
12 बजे – 181.50. मीटर
2 बजे – 181.50 मीटर
4 बजे – 181.50. मीटर।
6 बजे — 181.45. मीटर ।
सभी रेडियल गेट 1.5 मीटर करके खोले गए ।