मोतीलाल स्कूल में शिक्षकों का समूह जुटने पर पुलिस पहुंची हस्ताक्षर के लिए बुलाया था प्रबंधन ने, वेतन विवाद से इंकार

जमशेदपुर: 29 मई संवाददाता मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल प्रबंधन ने उस समय लॉकडाउन का उल्लंघन कर दिया जब शिक्षकों को विद्यालय परिसर में पहुंचकर उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश दिया। प्रबंधन के इस निर्देश पर जब काफी संख्या में शिक्षिकाएं वहां एकत्रित हुई थीं तभी बिष्टुपुर थाना की पेट्रोलिंग गाड़ी पहुंच गयी और पूछताछ करना शुरू किया। किसी शिक्षिका के पास लॉकडाउन में भ्रमण या स्कूल आने का न पास था, न ही विद्यालय ने इसके लिए प्रशासन से अनुमति ली थी।
बताया जाता है कि शिक्षक-शिक्षिकाओं को आज पूर्वाह्न 9 से 12 बजे तक सशरीर विद्यालय पहुंचकर स्कूल गेट पर रखे गए रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश दिया गया था। आज जब हस्ताक्षर के लिए गेट पर शिक्षक-शिक्षिकाओं का जमाव हुआ और पुलिस पहुंची तब पुन: शिक्षकों को मना किया गया कि जो नहीं पहुंचे हों वे घर से नहीं निकलें और जो आ गए हैं वे लौट जाएं।
स्कूल प्राचार्या ने बताया कि स्कूुल प्रबंधन यह सुनिश्चित करना चाहता था कि लॉकडाउन में विद्यालय के शिक्षक मुख्यालय में हैं या नहीं जिसके लिए यह तरीका चुना गया कि आज वे स्कूल गेट पर पहुंच कर वहां रजिस्टर में हस्ताक्षर बना दें। सभी शिक्षकों की मौजूदगी की पुष्टि के लिए घर-घर जाकर सुनिश्चित कराना संभव नहीं है। प्राचार्या ने इस बात से इंकार किया कि विद्यालय में लॉकडाउन की अवधि में शिक्षक-शिक्षिकाओं के वेतन भुगतान को लेकर कोई विवाद पैदा हुआ है।
विदित हो कि लॉकडाउन में सभी स्कूल आनलाइन क्लास चला रहे हैं और विद्यार्थियों को शिक्षक घर से ही घर पर आनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं।
बताया जाता है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा लॉकडाउन में टीचरों को आधी सैलरी चुकाने पर भीतर ही भीतर प्रबंधन बनाम शिक्षक समूह मामला छिड़ा हुआ है। हलांकि प्राचार्या ने इस बात से उपर्युक्त रूप से इंकार किया। कहा जाता है कि प्रबंधन आधा सैलरी देना चाहता है जबकि शिक्षक समूह का कहना है कि विद्यार्थियों से पूरी फीस ली जा रही है। राज्य के शिक्षा मंत्री के कहने के बावजूद स्कूल प्रबंधन जब फीस छोडऩे को तैयार नहीं और वे आनलाइन काम कर रहे हैं तब उनकी सैलरी आधी क्यों काटी जाए।
पता चलता है कि इसी तर्क-वितर्क के बीच प्रबंधन ने शिक्षकों की सशरीर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उक्त ढंग से हस्ताक्षर लेने का तरीका बनाया था जिस पर पुलिस पहुंच गयी।
सचिव ने वेतन विवाद को गलत बताया
सचिव डी पी शुक्ला ने वेतन विवाद से इंकार किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को 3 जून से हस्ताक्षर के लिए आने के लिए कहा जानेवाला था लेकिन कार्यालय की गलती से आज उपस्थितहोने का मैसेज चला गया था। 3 जून से भी अलग-अलग समयपर आने की बात थी। उन्होंने कहा आनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है और पूरा वेतन भी भुगतान किया जा रहा है। जो शिक्षक बिना पूर्व अनुमति के बाहर गए हों उनका भुगतान रोका जाएगा। कोरोना के चलते किसी को शहर से बाहर नहीं जाना था।

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