नई दिल्ली ,18 अक्तूबर (ईएमएस): 325 भारतीय विशेष विमान के जरिए शुक्रवार सुबह दिल्ली पहुंचे। इससे पहले गुरुवार को मैक्सिको ने 300 से ज्यादा भारतीयों को देश छोडऩे का आदेश दिया था। मैक्सिको ने यह फैसला अमेरिका की चेतावनी के बाद लिया था। इन सभी भारतीयों ने कथित तौर पर पिछले कुछ महीनों में इंटरनेशनल एजेंटों की मदद से गैरकानूनी ढंग से मैक्सिको में प्रवेश किया था, ताकि वहां से अमेरिका में प्रवेश कर सकें।
एयरपोर्ट पहुंचे यात्रियों में शामिल गौरव कुमार ने बताया- हमारे एजेंट ने हमें जंगल के रास्ते वहां पहुंचाया था। करीब दो सप्ताह हम जंगल में चले थे। इसके बाद हमें मैक्सिको से निकाल दिया गया। केवल भारतीयों को वहां से निकाला गया है जबकि श्रीलंका, नेपाल और केमरुन के लोग अभी भी वहां रह रहे हैं। मैंने अपनी कृषि भूमि, सोना सबकुछ बेचकर कुछ 18 लाख रुपए एजेंट को चुकाए थे।
उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा देंगे: अमेरिका
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जून में मैक्सिको सीमा पर घुसपैठ पर लगाम लगाने के लिए सुरक्षा बढ़ाए जाने की बात कही थी। उन्होंने धमकी दी थी कि मैक्सिको अगर ऐसा नहीं करता है तो आयात होने वाले उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा दिया जाएगा। इसके बाद मैक्सिको ने भारतीयों को देश छोडऩे का आदेश दिया।
जिनके पास रहने की अनुमति नहीं, उन्हें वापस भेजा: मैक्सिको
मैक्सिको के नेशनल माइग्रेशन इंस्टीट्यूट (आईएनएम) ने बुधवार को बयान जारी कर इस मामले में अपना पक्ष रखा था। इसके मुताबिक, जिन भारतीयों के पास देश में नियमित रूप से रहने की अनुमति नहीं थी, उन्हें तोलूका एयरपोर्ट से नई दिल्ली भेज दिया गया। इन लोगों को ओक्साका, कैलिफोर्निया, वेराक्रूज, चियापास, सोनोरा, मैक्सिको सिटी, डुरंगो और टैबास्को राज्यों में आव्रजन अधिकारियों को सौंपा गया।
माइग्रेशन के सख्त नियमों के बावजूद भारतीयों को भेजना संभव हुआ
बयान में बताया गया कि यह काम पूरा हुआ। एशियाई देशों के दूतावासों से बेहतर कम्युनिकेशन और को-ऑर्डिनेशन के लिए उनका शुक्रिया। इन सभी की मदद से माइग्रेशन के सख्त नियमों के बावजूद भी इन्हें (भारतीय) भेजना संभव हो पाया। फेडरल माइग्रेशन एजेंट्स और नेशनल गार्ड के सदस्यों के साथ सभी को वेराक्रूज में अकायुन माइग्रेशन स्टेशन भेजा गया ताकि उनकी पहचान हो सके और संबंधित जगहों पर भेजा जा सके।
2018 में चार लाख लोगों को सीमा पार करते हुए पकड़ा गया
अमेरिका के कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन के आंकड़ों के मुताबिक, 2000 में 16 लाख से ज्यादा लोगों को सीमा में घुसते हुए पकड़ा गया था। 2018 में चार लाख लोगों को पकड़ा गया। लेकिन, इस साल मई तक अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर छह लाख लोगों को सीमा पार करते हुए पकड़ा जा चुका है।