मुंबई. 29 अक्टूबर (इएमएस)महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच मंगलवार को बयानबाजी तेज हो गई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 5 साल तक मैं ही मुख्यमंत्री रहूंगा। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि शिवसेना के साथ मुख्यमंत्री पद को लेकर 50:50 फॉर्मूला जैसा कोई समझौता नहीं हुआ था। फडणवीस का यह बयान शिवसेना नेता संजय राउत के उस बयान के बाद आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उद्धव ठाकरे के पास भी सरकार बनाने के विकल्प हैं, लेकिन वे इसे स्वीकार करने का पाप नहीं करना चाहते।
भाजपा के राज्यसभा सांसद संजय काकड़े ने कहा कि शिवसेना के 45 नवनिर्वाचित विधायक मुख्यमंत्री फडणवीस के संपर्क में हैं। काकड़े ने कहा कि यह विधायक भाजपा के साथ गठबंधन चाहते हैं, इसलिए वे उद्धव को फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए मना लेंगे। इसके अलावा शिवसेना के पास कोई चारा नहीं है।
इसके बाद फडणवीस ने सफाई दी कि लोकसभा चुनाव के समय शिवसेना ने ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन इस पर मेरे सामने कोई फैसला नहीं हुआ। अगर कुछ हुआ भी होगा तो अमित शाह और उद्धव ठाकरे ही तय करेंगे। सरकार बनाने पर अंतिम फैसले के लिए शाह और उद्धव बुधवार को बैठक कर सकते हैं।
राउत ने फडणवीस के बयान पर कहा, ”मुख्यमंत्री ने खुद 50-50 फॉर्मूला की बात की थी। उद्धवजी ने भी इस बारे में बात की थी। ये सब अमित शाह के सामने हुआ। अगर अब वे कहते हैं कि ऐसी कोई बात नहीं हुई तो मैं ऐसी बातों को प्रणाम करता हूं। वे उस बात को खारिज कर रहे हैं जिसे उन्होंने कैमरे पर कहा था। हमें सच्चाई की परिभाषा बदल देने की जरूरत है।”
महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत नहीं है: राउत
सरकार बनाने में देरी के सवाल पर राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत नहीं है, जिसके पिता जेल में हैं। यहां हम हैं, जो धर्म और सत्य की राजनीति करते हैं। शरदजी (शरद पवार) ने भाजपा के खिलाफ माहौल बनाया और कांग्रेस कभी भाजपा के साथ नहीं जाएगी। इससे पहले हरियाणा में भाजपा ने बहुमत से दूर रहने पर जजपा के साथ गठबंधन कर उसके अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री पद दे दिया था।
दुष्यंत ने शिवसेना नेता राउत के बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह बताता है कि राउत जानते हैं कि दुष्यंत चौटाला कौन हैं। मेरे पिता 6 साल से जेल में हैं और उन्होंने कभी उनका हालचाल नहीं लिया। अजय चौटाला बिना अपनी सजा को पूरा किए जेल से बाहर नहीं आएंगे और शिवसेना की ओर से राउत जो बयान दे रहे हैं, वह उन्हें शोभा नहीं देता।
भाजपा-शिवसेना निर्दलीय को साधने में जुटीं
दोनों ही पार्टियां छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में लेकर ताकत बढ़ाने में जुटी हैं। दो निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल और महेश बाल्दी ने मंगलवार को भाजपा को समर्थन दिया। सोमवार को अहमदनगर की निवारी सीट से क्रांतिकारी शेतकरी पार्टी के विधायक शंकरराव गडाख ने शिवसेना को समर्थन देने का ऐलान किया है। इससे पहले शनिवार को प्रहार जनशक्ति पार्टी के विधायक बच्चू कडू और राजकुमार पटेल ने उद्धव से मिलकर शिवसेना को समर्थन देने की बात कही थी। निर्दलीय विधायक आशीष जायसवाल और नरेंद्र भोंडकर भी उसके पाले में आ चुके हैं। शिवसेना के पास अब 60 विधायकों का समर्थन है। उधर, भायंदर विधायक गीता जैन, राजेंद्र राउत और अमरावती विधायक रवि राणा ने भाजपा को समर्थन दिया है।
महाराष्ट्र को जल्द भाजपा के नेतृत्व में सरकार मिलेगी
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने सोमवार को दावा किया है कि महाराष्ट्र में जल्द ही उनकी पार्टी के नेतृत्व में सरकार बनेगी। वहीं, संजय राउत ने कहा कि रावते राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश करने नहीं गए थे। जिसे राजनीति की थोड़ी भी समझ है, उसे समझ लेना चाहिए कि जब राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश किया जाता है तो समर्थक विधायकों की सूची भी देनी पड़ती है। फिलहाल 145 विधायकों के समर्थन की सूची फडणवीस के पास नहीं है, क्योंकि शिवसेना की ओर से अभी तक समर्थन को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है।
शिवसेना के ढाई साल मुख्यमंत्री पद की मांग पर विवाद बढ़ा
24 अक्टूबर को नतीजे घोषित होने के बाद शिवसेना के कुछ नेताओं ने मांग की है कि राज्य में ढाई साल शिवसेना और ढाई साल भाजपा का मुख्यमंत्री बने। शिवसेना ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के 50:50 फॉर्मूले को ध्यान में रखते हुए मांग की थी कि दोनों पार्टियों के नेताओं को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिले। शिवसेना के प्रताप सरनाइक ने कहा कि उद्धव को मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा आलाकमान से लिखित में लेना चाहिए। हालांकि, इसके बाद महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि राज्य में अगले 5 साल भाजपा के नेतृत्व में ही सरकार चलेगी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिलीं।