नई दिल्ली/मुंबई ,12 नवंबर (ईएमएस) : महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से जारी सियासी उथल-पुथल के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोङ्क्षवद ने राज्य में राज्यपाल शासन को मंजूरी दे दी है। राज्यपाल भगत ङ्क्षसह कोश्यारी ने अपनी सिफारिश में कहा था राज्य में कोई भी दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है इसलिए यहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीङ्क्षटग में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी। बता दें कि इससे पहले राज्यपाल ने बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने का मौका दिया था। गृह मंत्रालय का कहना है कि राज्यपाल की तरफ से राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करते हुए कहा गया था कि राज्य में संविधान के मुताबिक सरकार गठन मुश्किल नजर आ रहा है। राज्यपाल ने अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल करते हुए सूबे में राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा की।
गृह मंत्रालय ने दिया बयान
गृह मंत्रालय ने कहा कि गवर्नर की रिपोर्ट कहती है कि उनकी तरफ से हर संभव कोशिश के बाद भी महाराष्ट्र की सरकार का गठन संविधान के मुताबिक नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में राज्यपाल के पास राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 356 के मुताबिक यह अनुशंसा की है। गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल का मानना था कि चुनावी प्रक्रिया समाप्त हुए 15 बीत गए हैं और कोई भी राजनीतिक दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है, इसलिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना बेहतर होगा।
राज्यपाल ने बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी को दिया था मौका
बता दें कि रविवार से सोमवार तक शिवसेना के सरकार न बना पाने के बाद सोमवार शाम को गवर्नर ने तीसरे सबसे बड़े दल एनसीपी को मौका दिया था। एनसीपी को मिला यह समय आज रात 8(कोलन)30 बजे समाप्त हो रहा है। हालांकि एनसीपी की ओर से भी अब तक आधिकारिक तौर पर सरकार बनाने को लेकर कोई दावा नहीं किया गया है।
राष्ट्रपति शासन लगा तो भी शिवसेना के पास मौका
महाराष्ट्र विधानसभा रहेगी निलंबित
गृह मंत्रालय ने बताया कि अभी महाराष्ट्र की विधानसभा निलंबित रहेगी। राज्य में 24 अक्टूबर को नतीजे आए थे। बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। शिवसेना को 56 सीटें जबकि एनसीपी को 54 सीटें मिली थीं। कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी।