क्राइम रिपोर्टर,जमशेदपुर 24 अक्टूबर :- निलंबित दारोगा मनोज कुमार गुप्ता के खिलाफ जानलेवा हमाल, फायरिंग और हत्या के आरोप में सोनारी पुलिस ने अनुसंधान पुरी करते हुए गुरुवार को कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया हैं। मनोज के खिलाफ भा.द.वि की धारा 302(हत्या), 307 (जानलेवा हमला), 324 (घातक हाथियार से हमला) और धारा 326 (घातक हथियार के हमला कर गंभीर रूप से जख्मी पहुंचाने) के अलावे आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत आरोपित किया गया हैं। मामले में कुल 10 जब्ती सूचि बनायी गयी हैं। पुलिस ने कुल 167 पेजों का आरोप पत्र दिया हैं। जिसमें कुल 25 लोगों को गवाह बनाया गया हैं। गवाहों में पांच डॉक्टर शामिल हैं। मामले के अनुसंधान पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी सोनारी नरेश प्रसाद और उपाधीक्षक मुख्यालय -2 अरविंद कुमार ने संयुक्त रूप से की हैं।
क्या है मामला
: 26 जुलाई 2019 की सुबह 9 बजे सोनारी वेस्ट ले आउट एफ रोड स्थित नवलख्खा अपार्टमेंट के फ्लाट संख्या 3/13 में मनोज कुमार गुप्ता द्वारा पत्नी पूनम गुप्ता, साला चंदन और सास सीमा देवी पर जान से मारने की नीयत से अंधाधून फायरिंग कर फरार हो गया था। इस फायरिंग में मनोज की सास सीमा देवी की मृत्यु घटना स्थल पर हो गई थी। जबकि पत्नी पूनम गुप्ता और साला चंदन को गोली लगने से गंभीर रूप से जख्मी हालत में टीएमएच में भर्ती कराया गया था। जहां दोनों घायलों की इलाज हुई। पत्नी पूनम के साथ मनोज का चल रहा था
विवाद : दारोगा मनोज कुमार गुप्ता की पत्नी ने अनुसंधान के दौरान पुलिस को बताया कि पिछले छह साल से मनोज प्रताडि़त करते आ रहे हैं। इसके लिए वह सोनारी थाना में 5 सितंबर 2018 को जानलेवा हमला, प्रताडऩा और मारपीट के आरोप में मामला दर्ज करायी थी। जो थाना कांड संख्या 2014 / 2018 हैं। इस मामले में समझौता के लिए मुहबोला भाई चंदन और उसकी मां सीमा देवी को पटना से बुलाया गया था। समझौते के लिए बार – बार फोन करने पर वह भी पटना से कुछ दिन पूर्व लौटी थी। घर पर बुलाकर सीमा देवी को फटकारने लगा। फटकार ने पर वह मनोज को समझाने का प्रयास किया। इतने में मनोज उसे पलंग पर धक्का मारकर गिरा दिया और गला दबाने लगा। गला दबाते देख चंदन ने बीच – बचाव करने लगा। तभी मनोज कुमार गुप्ता ने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और अपना सर्विस रिवल्वर से अंधाधून फायरिंग करने लगा। फायरिंग कर वह घर से भाग गया। बेटे मोहित पर भी ताना था रिवल्वर पूनम गुप्ता ने यह भी बताया कि पूर्व में मनोज कुमार गुप्ता ने उनके बेटे मोहित पर भी अपना सर्विस रिवल्वर ताना था। इस घटना के बाद वह चाईबासा डीएसपी को पत्र लिख कर सर्विस रिवल्वर को जब्त करने के लिए अनुरोध भी किया था। 28 जुलाई को पुलिस के समक्ष मनोज ने किया था आत्मसमर्पण घटना को अंजाम देने के बाद दारोगा मनोज कुमार गुप्ता ने फरार हो गया था। उनकी गिरफ्तारी के लिए एसएसपी अनुप टी मैथ्यु के निर्देश पर आजादनगर थाना के इंस्पेक्टर विष्णु रावत के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित किया गया था। पुलिस टीम कि गठन की जानकारी मिलने पर मनोज गुप्ता ने अपने चाहते के माध्यम से आजानगर थाना प्रभारी को थाने में आत्मसमर्पण करने का सूचना भेजा था। जिसके बाद 28 जुलाई 2019 को मनोज ने आजादनगर थाने में आत्मसमर्पण कर दिया था। एफएसएल रिपोर्ट अबतक पुलिस ने नहीं मिली सोनारी पुलिस ने घटना स्थल से खून का सेम्पल, छह खोखा, 19 पीस जिन्दा गोली, खून लगा कपड़ा, रिवल्वर को एफएसएल जांच के लिए रांची विधि विज्ञान प्रयोगशाल भेजी थी। लेकिन विधि विज्ञान प्रयोगशाला से अबतक जांच रिपोर्ट नहीं आया हैं। इस लिए पुलिस ने मामले में पूरक अनुसंधान जारी रखते हुए 90 दिनों के अंदर आरोप पत्र कोर्ट में समर्पित कर दिया हैं। चाईबासा जिले में 23 जनवरी 2017 को मनोज का हुआ था पदास्थापित दारोगा मनोज कुमार गुप्ता 1994 बैच का चयनित एसआई हैं। उन्हें चाईबासा जिले में 23 जनवरी 2017 को पदास्थापित किया गया था। चाईबासा जिले के गुदड़ी थाना में थे पदास्थिपित। इससे पूर्व वे देवघर जिले के जिला बल में पदास्थापित थे। जहां से चाईबासा भेजा गया था। उसे राज्य सरकार की ओर से सर्विस रिवल्वर के अलावे एके 47 का भी आवंटित किया गया था।