जामिया विश्वविद्यालय में रविवार को नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन हुआ, पुलिस ने छात्रों पर कैम्पस में घुसकर लाठीचार्ज किया था
देशभर के 10 बड़े शिक्षण संस्थानों ने जामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों पर लाठीचार्ज का विरोध किया, परीक्षाएं भी टाली गईं
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दूसरे दिन भी हिंसक प्रदर्शन, लखनऊ के नदवा कॉलेज में प्रदर्शन के दौरान हवाई फायरिंग
ममता ने कहा- हिंसा फैलाने वाले भाजपा के प्यादे; प्रियंका गांधी ने कहा- सरकार कायर, वह जनता की आवाज से डरती है
नई दिल्ली/लखनऊ/हैदराबाद. दिल्ली के जामिया विश्वविद्यालय में पुलिस की कार्रवाई का सोमवार को लखनऊ से दिल्ली तक विरोध किया जा रहा है। देशभर के 10 बड़े शिक्षण संस्थानों के अलावा तृणमूल और कांग्रेस ने भी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए। प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में एनआरसी और नागरिकता कानून के खिलाफ रैली निकाली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इंडिया गेट पर धरना दिया। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पुलिस और छात्रों के बीच भिड़ंत हुई। लखनऊ के नदवातुल उलेमा कॉलेज में भी छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की।
हिंसा फैलाने के लिए कुछ लोगों को भाजपा पैसे दे रही- ममता
ममता बनर्जी ने सोमवार को नागरिकता कानून के खिलाफ मेगा रैली शुरू की। ममता ने कहा- राज्य में हिंसा फैलाने के लिए भाजपा कुछ लोगों को पैसे दे रही है। बंगाल के बाहर कुछ ताकतें मुस्लिम समुदाय का मित्र होने का नाटक कर रही हैं और वही हिंसा और तोडफ़ोड़ में शामिल हैं। जनता इस जाल में न फंसे, ये सभी भाजपा के प्यादे हैं।
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी से अपील की कि इस तरह के असंवैधानिक और भड़काऊ कदम से बचें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को राज्य में फैली हिंसा पर काबू पाने में अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। देश के कानून के खिलाफ रैली निकालना असंवैधानिक है।
हम संविधान की खातिर इस सरकार से लड़ेंगे- प्रियंका
प्रियंका गांधी वाड्रा ने एएमयू और जामिया में पुलिस की कार्रवाई की निंदा की। धरने के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता पोस्टर लिए हुए थे, इन पर लिखा था- युवा छात्रों पर हमले बंद करें। इससे पहले प्रियंका ने कहा- देश के विश्वविद्यालयों में घुस-घुसकर छात्रों को पीटा जा रहा है। जिस समय सरकार को आगे बढ़कर लोगों की बात सुननी चाहिए, उस समय भाजपा सरकार उत्तर पूर्व, उत्तर प्रदेश, दिल्ली में विद्यार्थियों और पत्रकारों पर दमन के जरिए अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है। कायर सरकार जनता की आवाज से डरती है। हम संविधान के लिए लड़ेंगे। हम इस सरकार के खिलाफ लड़ेंगे।
सोनिया गांधी ने कहा- देशभर में हिंसा के सूत्रधार नरेंद्र मोदी और अमित शाह
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा- सरकार ने देश को नफरत की अंधी खाई में धकेल दिया है। युवाओं के भविष्य को आग की भट्टी में झुलसा दिया है। सरकार में बैठे हुक्मरान ही जब हिंसा करवाएं, संविधान पर आंक्रमण करें, देश के युवाओं को बेरहमी से पिटवाएं, कानून की धज्जियां उड़ाएं तो फिर देश चलेगा कैसे। मोदी सरकार की मंशा साफ है। देश में अस्थिरता फैलाओ, देश में हिंसा करवाओ, देश के युवाओं के अधिकार छीनते जाओ। इसके सूत्रधार कोई और नहीं स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह हैं।
देशभर में छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस की कार्रवाई को शर्मनाक बताया
जामिया में रविवार को दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ दिल्ली यूनिवर्सिटी, लखनऊ यूनिवर्सिटी, नदवातुल उलेमा कॉलेज (लखनऊ), अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस मुंबई), आईआईएम (बेंगलुरु), आईआईएस (बेंगलुरु), आईआईटी मद्रास (चेन्नई), जाधवपुर यूनिवर्सिटी (कोलकाता) और मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी (हैदराबाद) ने विरोध किया। छात्रों ने इस कार्रवाई को शर्मनाक बताया।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में लगातार दूसरे दिन छात्रों ने प्रदर्शन किए। यहां उनकी पुलिस से झड़प हुई। हॉस्टल खाली कराए गए। कॉलेज 5 जनवरी तक बंद।
लखनऊ के नदवा कॉलेज में छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस से झड़प भी हुई। पुलिस ने लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले छोड़े और हवाई फायरिंग भी की।
दिल्ली के विज्ञान और इतिहास विभाग के छात्रों ने अपनी सेमेस्टर परीक्षाओं का बहिष्कार किया। छात्रों ने सुबह से मानव श्रृंखला बनाकर अपना विरोध दर्ज कराया।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने सोमवार को होने वाली सभी सेमेस्टर परीक्षाएं टाल दीं। इसके अलावा कोई भी क्लास नहीं ली गई।
बीएचयू और जाधवपुर विश्वविद्यालय ने छात्रों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। सरकार से अपील की कि पुलिस के खिलाफ एक्शन लिया जाए।
टीआईएसएस मुंबई, आईआईटी मद्रास के छात्रों ने प्रदर्शन किया। “दिल्ली पुलिस शर्म करो’ नारे लगाए। हैदराबाद में मौलाना आजाद कॉलेज के हजारों छात्रों ने सड़कें पर प्रदर्शन किया और अपने सेमेस्टर एग्जाम का बहिष्कार किया।