रांची,25 सितंबर : केंद्रीय मोटरयान अधिनियम के तहत एक दर्जन से अधिक
प्रावधानों में झारखंड सरकार ने संशोधन किया है। इसके बाद अब इन
प्रावधानों के तहत हुई गलतियों पर जुर्माना की राशि पहले की तुलना में
काफी कम हो गई है। आम तौर पर जुर्माने की राशि वही रह गई जो संशोधित
नियमावली के पूर्व तय थी। कुछ मामलों में राज्य सरकार के हाथ में बदलाव
संभव नहीं था और ऐसे मामलों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
बिना हेलमेट के पकड़े जाने पर कोई राहत नहीं मिलेगी और यही हाल बिना बीमा
के वाहनों की स्थिति में है। राज्य कैबिनेट ने इसके साथ ही हजारों की
संख्या में बने अनियमित भवनों को नियमित करने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी
दे दी है। शहरी क्षेत्रों में 5000 वर्ग फीट क्षेत्रफल तक के भवनों (जी
प्लस टू) को इसके तहत लाभ दिया जा सकेगा। इसके एवज में मकान मालिकों को
200 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से शुल्क देना होगा। रांची मास्टर प्लान
के तहत अपर बाजार के श्रद्धानंद रोड और कुछ अन्य इलाकों को लैंड यूज अब
व्यावसायिक होगा।
विवि कर्मियों के बकाया भुगतान के लिए 210 करोड़
कैबिनेट ने बुधवार को 23 प्रस्तावों को स्वीकृति दी जिनमें कई और खुशखबरी
हैं। विवि कर्मियों को सातवें वेतनमान के बकाया भुगतान (एक जनवरी 2016 से
31 मार्च 2019) के लिए सरकार ने 210 करोड़ की राशि निर्गत करने के
प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इसी प्रकार झमाडा (धनबाद-बोकारो)
कर्मियों को सातवें वेतनमान के तहत भुगतान के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी
गई है। झारखंड, वनांचल और जेपी आंदोलनकारियों की पहचान के लिए बनी कमेटी
के कार्यकाल को एक वर्ष के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव भी कैबिनेट से पास हो
गया है।
इन प्रावधानों में मिली है राहत
अपराध वर्तमान जुर्माना नया जुर्माना
पुलिसकर्मियों/अधिकारियों से बदतमीजी – 2000 – 500
गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल का इस्तेमाल – 5000 – 1000
खतरनाक ड्राइङ्क्षवग – 5000 – 1000
बिना निबंधन के वाहन चलाना – 5000 – 2000
बिना प्रदूषण प्रमाणपत्र के वाहन चलाना – 10000 – 1000
एक चौथाई पर्यवेक्षिका बन सकेंगी सीडीपीओ और सहायिका बनेंगे पर्यवेक्षिका
कैबिनेट ने झारखंड महिला पर्यवेक्षिका सेवा संवर्ग नियमावली को स्वीकृति
प्रदान कर दी है। इसके साथ ही अब 25 फीसद आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका बाल
विकास परियोजना पदाधिकारी के पद पर सीमित परीक्षा पास कर नियुक्त हो
सकेंगी। इसी प्रकार 25 फीसद सहायिका को 10 वर्ष के अनुभव के उपरांत सीमित
परीक्षा पास कर पर्यवेक्षिका बनने का अवसर मिलेगा।
धान अधिप्राप्ति के लिए 52 करोड़ स्वीकृत
झारखंड में किसानों से धान खरीद के एवज में केंद्र सरकार के स्तर पर
निर्धारित समर्थन मूल्य पर बोनस राशि 185 रुपये प्रति ङ्क्षक्वटल को
कैबिनेट की स्वीकृति मिल गई है। इस प्रकार प्रति ङ्क्षक्वटल 2000 रुपये
मिलेंगे। वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए राज्य सरकार ने 52 करोड़ रुपये की
राशि भी स्वीकृत कर दी है।
देवघर शहरी जलापूर्ति योजना के लिए 314 करोड़ की राशि स्वीकृत
देवघर जलापूर्ति योजना को तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। यह योजना
314.047 करोड़ रुपये की लागत से पूरी होगी। पुनासी जलापूर्ति योजना के
नाम से प्रचलित इस योजना की घोषणा लोकसभा चुनाव के पूर्व की गई थी और
सांसद से लेकर सरकार तक लगी हुई थी।