चक्रधरपुर 13 नवंबर संवाददाता :- मां की ममता के आगे पूरा रेल प्रशासन को अंतत: झुकना पड़ा। और मां की गोद में मृत पड़े बच्चे को आगे की यात्रा करने की अनुमति देनी पड़ी। हावड़ा.टिटलागढ़ इस्पात एक्सप्रेस ट्रेन में हावड़ा से बलांगिर की यात्रा दो बच्चों के साथ दंपत्ति कर रहे थे। इनका डी.थ्री सीट संख्या 73,74,75 एवं 76 में सिटिंग आरक्षण था। बलांगिर जिला के सोनपुर मटियापाली दावलोंग निवासी बैकुंठ महाली अपने दो पुत्र सात वर्षीय आयुष्मान महाली व 12 वर्षीय अजित कुमार महाली का कोलकाता के नारायणा अस्पताल में ओपन हार्ट सर्जरी विगत 6 नवंबर को कराया था। अस्पताल से छुट्टी देने के बाद बैकुंठ महाली अपनी पत्नी एवं दोनों बच्चों के साथ इस्पात एक्सप्रेस में हावड़ा से बलांगिर की यात्रा कर रहे थे। टाटानगर.चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन के बीच उसके एक बच्चे आयुष्मान महाली की तबियत अचानक बिगड़ गई। टीटीई द्वारा इसकी सूचना चक्रधरपुर कंट्रोल को दी गयी। जिसके बाद गाड़ी आने से पूर्व रेलवे अस्पताल के चिकित्सक डाक्टर नंदनी सांडा रेलवे स्टेशन पहुंची और गाड़ी आने पर आयुष्मान महाली की जांच पड़ताल की और उसे मृत घोषित कर दिया। आयुष्मान को मृत घोषित करने के बाद उसकी मां स्टेशन पर ही विलाप करने लगी और किसी भी स्थिति में अपने से बेटा को अलग करने से तैयार नहीं हुई। हालांकि इसके लिए जीआरपी थाना प्रभारी उमेश सिंह, आरपीएफ थाना प्रभारी बीएन सिंह सहित अन्य लोगों द्वारा मृत बच्चे के साथ यात्रा करने से मना किया गया लेकिन मां की ममता के आगे सब बेवश होगये। बोगी में यात्रा कर रहे लोग भी दंपत्ति को समर्थन में उतर जाने के कारण इन्हें झुकना पड़ा। इस दौरान करीबन 35 मिनट तक ट्रेन चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन में खड़ी रही।