जमशेदपुर (निर्मल)। टाटा स्टील अपने किसी भी कर्मचारी को डीए (महंगाई भत्ता) पर फिर से डीए नहीं दे सकती। कंपनी प्रबंधन कर्मचारियों को पहले ही उनके बेसिक पर डीए दे चुका है। ग्रेड समझौते के बाद डीए कर्मचारियों के मूल वेतन से जोड़ दिया जाता है। इसके बाद बेसिक स्ट्रक्चर तैयार होता है। अब इस नए स्लैब में फिर से डीए देना संभव नहीं है।
बेल्डीह क्लब में कंफडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री की ओर से आयोजित आइआर कानक्लेव में दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (एचआरएम) सुरेश दत्त त्रिपाठी ने ये बातें कही। ग्रेड रिवीजन समझौते के बाद कर्मचारियों का डीए उनके अपर ग्रेड स्ट्रक्चर में सीलिंग हो चुका है। ऐसे में कई कर्मचारियों को प्रति तिमाही अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में होने वाली महंगाई बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिल रहा है। कर्मचारियों की समस्याओं पर दैनिक जागरण ने वाइस प्रेसिडेंट से विस्तार से बातचीत की। इस पर उन्होंने कहा कि किसी भी कर्मचारी को अपर सीलिंग के कारण महंगाई भत्ता नहीं मिला है, ऐसा हो नहीं सकता।
अपर सीलिंग के ऊपर की राशि पर ही कर्मचारियों को डीए नहीं मिला है। कुछ कर्मचारियों को यदि डीए नहीं मिला है तो एक-दो क्वार्टर के बाद उन्हें संभवत: इसका लाभ मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इसकी गलत व्याख्या कर कर्मचारियों को दिग्भ्रमित कर रहे हैं। जबकि सच्चाई बिल्कुल अलग है। बकौल वाइस प्रेसिडेंट, टाटा स्टील के ओल्ड ग्रेड कर्मचारियों का ग्रेड स्ट्रक्चर अन्य मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की तुलना में बहुत अच्छा है। कंपनी कर्मचारियों का पूरा ख्याल रखती है। उनके जीवन में खुशहाली बनाए रखने के लिए हर तरह का जतन करती आई है।
500 कर्मचारियों की बहाली पर चल रही है बात
वाइस प्रेसिडेंट ने बताया कि 500 कर्मचारी पुत्रों की बहाली पर उनकी टीम काम कर रही है। फिलहाल अभी यह तय नहीं हो पाया है कि बहाली की उम्र सीमा क्या होगी? इसमें इम्प्लाई वार्ड या इम्प्लाई रिलेशंस या दोनों शामिल होंगे। हमारी कोशिश है कि इसे जल्द क्रियान्वित किया जाए।
मार्च से पहले आएगी नई कंपनी
वाइस प्रेसिडेंट (एचआरएम) ने कहा कि टाटा स्टील में मार्च से पहले नई कंपनी अस्तित्व में आ जाएगी। टाटा स्टील अपने सभी नॉन कोर जॉब जैसे कैंटीन, सफाई, पैकेजिंग आदि को इसी कंपनी के माध्यम से कराएगी। बकौल वाइस प्रेसिडेंट, टाटा स्टील हमेशा से श्रम कानून में पथ प्रदर्शक के रूप में काम करती है। कंपनी ने पूर्व में कई ऐसे नियम बनाए जिसे बाद में देश भर में क्रियान्वित किया गया। वर्तमान में भी हम नई कंपनी के लिए ऐसे प्रयोग की तैयारी कर रहे हैं जिसमें ठेका कर्मचारियों को बेहतर तरीके से नियोजित किया जा सके।
नए कर्मचारियों का एमजीबी लंबित नहीं
ग्रेड समझौते के बाद पहली जनवरी 2018 के पश्चात कंपनी ज्वाइन करने वाले नए कर्मचारियों को मिनिमम गारेंटेड बेनीफिट (एमजीबी) का लाभ नहीं मिला। इस पर वाइस प्रेसिडेंट ने कहा कि एमजीबी हमेशा पांच-छह वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को मिलता है। नए कर्मचारियों के स्लैब को एमजीबी को जोड़कर बनाया गया था। यदि कंपनी पहली जनवरी 2018 को ही ग्रेड रिवीजन समझौता कर लेती तो क्या नए कर्मचारियों के लिए कोई एमजीबी लंबित होता?